राजस्थान राज्य महिला नीति के क्रियान्वयन के लिए विभाग तत्काल कार्य योजना बनाएं – मुख्य सचिव
जयपुर। मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐसा काम हो, जिसका देश भर में अनुसरण हो। उन्होंने निर्देश दिये कि संबंधित विभाग राजस्थान राज्य महिला नीति-2021 के उद्देश्यों के अनुरूप कार्ययोजना शीघ्र तैयार करें। विभाग नीति के तहत लॉन्ग, मीडियम और शॉर्ट टर्म प्लान बनाएं, जिससे महिलाओं को राज्य में शिक्षण, प्रशिक्षण, महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य और कानूनी अधिकार के समान अवसर मिलना सुनिश्चित किया जा सके और उनके राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की राह प्रशस्त हो सके।
मुख्य सचिव शासन सचिवालय में राजस्थान राज्य महिला नीति-2021 के क्रियान्वयन के लिए गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की अर्धवार्षिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने संबंधित विभागों के सचिवों से कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वे अपने विभाग के स्तर पर कार्ययोजना बनायें, जिसके आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एकीकृत कार्ययोजना बनाई जा सके। उन्होंने कहा कि इससे सुनियोजित तरीके से काम कर तय समय में लक्ष्यों की प्राप्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिला अधिकारिता और सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। विभागों में महिलाओं से संबंधित योजनाओं के अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें हाइलाइट किया जाना चाहिये, ताकि महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में जागरूक हों और योजनाओं का लाभ उठाएं।
मुख्य सचिव ने स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पवन गोयल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी तथा शासन सचिव गृह विभाग कैलाश चन्द मीणा से एकीकृत कार्य योजना तैयार किये जाने के लिए उनके विभागों द्वारा की गई गतिविधियों के बारे में वीसी के माध्यम से जानकारी ली। उन्होंने यूनिसेफ तथा यूएनएफपीए के प्रतिनिधियों से भी इस संबंध में चर्चा की।
बैठक में शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग दिनेश कुमार यादव तथा आयुक्त महिला अधिकारिता विभाग श्रीमती रश्मि गुप्ता उपस्थित थे।