राजस्थान में बिना शिक्षकों के चल रहे हैं, नर्सिंग कॉलेज -नर्सिग टीचर्स एसोसिएशन
जयपुर । दी नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष पुरुषोत्तम कुंभज ने राजस्थान में बिना स्थाई शिक्षकों के चल रहे नर्सिंग कॉलेजों पर आक्रोश जताते हुए नर्सिंग की उच्च शिक्षा में बर्तमान में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों मे बिना स्थाई शिक्षकों के पढ़ रहें साढ़े चार हजार प्रशिक्षणार्थियों की शिक्षा की गुणवत्ता पर चिंता जाहिर की , एवम नर्सिंग ट्यूटर के पदनाम को लेक्चरर इन नर्सिंग में परिवर्तित कर नर्सिंग कॉलेज मैं केडर रिव्यू करते हुए जल्द स्थाई नर्सिंग शिक्षकों की भर्ती की मांग की है।
जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुंभज ने कहा कि राजस्थान में नर्सिंग शिक्षकों की नियुक्ति नर्सिंग ट्यूटर के पद पर ही होना एवं इसी पद से रिटायर हो जाना दुखद है जिससे टीचिंग लर्निंग प्रोसेस पर , नर्सिंग की शैक्षणिक गुणवत्ता पर , नए नर्सिंग इनोवेशंस पर तथा नर्सिंग रिसर्च पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
एसोसियेशन के प्रदेश महासचिव जावेद अख्तर नकवी ने बताया कि नर्सिंग शिक्षको के केडर रीव्यू करते हुए सर्वप्रथम सबसे छोटी इकाई एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों से पीएचएन के पदों को इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंड अनुसार एवं 2016 में केंद्र सरकार द्वारा जारी पदनाम परिवर्तन के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार नर्सिंग ट्यूटर में परिवर्तित किया जाए तथा एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के नर्सिंग अधीक्षक के पद को प्रिंसिपल इन नर्सिंग किया जाए । जिसके कारण 168 पीएचएन के पद नर्सिंग ट्यूटर में तथा 28 नर्सिंग अधीक्षक के पद प्रिंसिपल में परिवर्तित हो जाएंगे । साथ ही एएनएम प्रशिक्षण केंद्र पर मृतप्राय पड़े एसएसआई के पद को वाइस प्रिंसिपल के पद में क्रमोन्नत करने की आवश्यकता बताई। उन्होने नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत संचालित राजसमंद, हनुमानगढ़ , प्रतापगढ़,सवाई माधोपुर, बारा , दौसा जैसे छहों एएनएम प्रशिक्षण केंद्रों पर एवम स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत चल रहे आठ नर्सिंग कॉलेजों जिसमें बीकानेर ,चूरु, जोधपुर, अजमेर ,उदयपुर ,अलवर, कोटा एवं जयपुर के आर यू एच एस में मापदंड के अनुसार स्थाई नर्सिंग शिक्षकों के पद सृजन कर उन पर अविलंब भर्ती की मांग की । नकवी ने बताया कि बिना नर्सिंग शिक्षको की भर्ती के नर्सिंग कॉलेजों का संचालन किस प्रकार होता है यह एक सोचने योग्य विषय है।
एसोसियेशन के प्रदेश संयोजक डा मदनमोहन मीणा ने बताया कि राजमेस सोसाइटी अंतर्गत इस वर्ष शुरू हो रहे सात एवं अगले वर्ष शुरू होने वाले अठारह कुल 25 कॉलेजों मे स्वीकृत प्रत्येक नर्सिंग कॉलेज में आठ नर्सिंग ट्यूटर के पदों की तरह की तरह स्ववित्त पोषित आठ नर्सिंग कॉलेजों में भी स्थाई नर्सिंग शिक्षको के पद सृजित किए जाएं जिससे नर्सिंग कॉलेजों में 264 नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित होंगे । साथ ही पूर्व से रिक्त चल रहें 137 तथा 2013 में चिकित्सा शिक्षा विभाग से सृजित 200 इस प्रकार प्रदेश में सभी को मिलाकर लगभग 769 नर्सिंग ट्यूटर के पदों पर भर्ती हो सकेगी । जिसे राज्य सरकार के नियमानुसार 50% डीपीसी के आधार पर तथा 50% आरपीएससी के द्वारा चयनित किए जाएं । आरपीएससी द्वारा प्रायोजित परीक्षा में संविदा पर कार्यरत नर्सिंग ट्यूटर को 10, 20 ,30 प्रतिशत का प्रतिवर्ष बोनस दिया जाए ।
एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश मेघवाल ने बाइस प्रिंसिपल एवं प्रिंसिपल के पदों पर लंबित डीपीसी को भी जल्द करने की मांग करते हुए कॉलेज ऑफ नर्सिंग मैं नवसृजित असिस्टेंट प्रोफेसर , एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर , वाइस प्रिंसिपल एवं प्रिंसिपल के पदों पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कर योग्य नर्सिंग शिक्षकों की पदोन्नति की डी पी सी की अवश्यकता पर जोर दिया ।
एसोसियेशन के प्रदेश संगठन मंत्री संतराम, महिला संगठन मंत्री रेणु शर्मा , प्रदेश सचिव उमेश पाराशर, जिलाध्यक्ष सुनीता धारीवाल आवश्यक प्रशासनिक संशोधन करते हुए नर्सिंग ट्यूटर की पद को अन्य समकक्ष कैडर की भांति लेक्चरर इन नर्सिंग में परिवर्तित कर राजपत्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है । तथा प्रिंसिपल एवं वाइस प्रिंसिपल के को आहरण वितरण अधिकार प्रदान किए जाने तथा एएनएम तथा जीएनएम प्रशिक्षण केंद्रों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से बदलकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत किए जाने की मांग की । साथ ही एक प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेजों का राज्य सरकार के नियमानुसार एक समय , एक प्रकार के अवकास तथा एक प्रकार के भत्ते देने के संबंध मे स्पष्ट आदेश करने की मांग की ।