दोषियों पर सख्त कार्यवाही हो, मंदिर का पुनः निर्माण व जिनके मकान टूटे उन्हें मुआवजा दें राज्य सरकारः स्वामी सुमेधानंद सरस्वती

जयुपर। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती द्वारा अलवर राजगढ़ मंदिर प्रकरण में प्रदेश भाजपा द्वारा बनाई गई तथ्यात्मक जांच समिति द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां को सौंपने के बाद प्रेस वाता कर मीडिया के समक्ष तथ्यों को रखा।

सुमेधानंद ने कहा कि, तीन दिवसीय राजगढ़ दौरे के दौरान नगर पालिका चैयरमेन एडीएम, एसडीएम व स्थानीय लोगों जनप्रतिनिधियों, समाज सेवियों से गहन विचार-विमर्श करने के बाद जो तथ्य सामने आये है, वह गहलोत सरकार पर सवाल खडा कर रहे है, इस प्रकरण में राज्य सरकार को दोषी ढहराते हुए कहा कि जब उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश में दंगाईयों पर बुलडोजर चलाया जाता है तो गहलोत उनके रहनूमा बन जाते है लेकिन दूसरी और राजस्थान में उनकी सरकार की सरपरस्ती में मंदिर व गरीबों के आशियानें उजाड़े जाते है। जिस प्रकार से 300 साल पुराना मंदिर तोड़ा गया ओर मूर्तियों को खंडित किया गया, यह अराजकतापूर्ण है।

कांग्रेस सरकार द्वारा भाजपा पर लगाएं गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि, इस सरकार के शासनकाल में पूर्व में भी सालासर में राम दरबार को गिराने व गौशाला को तोडने जैसी प्रदेश में और भी घटनाएं हुई, जहां फैंसला भाजपा बोर्ड ने नहीं, बल्कि सभी जगह गहलोत सरकार ने लिया।

8 फरवरी 2022 को राजगढ़ नगर पालिका ने गौरव पथ योजना के संदर्भ में प्रस्ताव लेकर आयी थी कि इस सड़क पर स्थित मंदिर न टूटे, इसलिए इस सड़क की चौडाई 60 फीट नहीं की जानी चाहिए, इसकी चौड़ाई 30 फीट रखी जाए, जिससे मंदिर सुरक्षित रहे, नगर पालिका के प्रस्ताव में यह कही भी उल्लेखित नहीं था कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर 300 साल पुराना मंदिर तोड़ा जाए। सदन में उपस्थित समस्त सदस्यों द्वारा निर्णय लिया गया कि गोल चक्कर से श्री भवानी सहाय की मूर्ति तक सड़क की चौड़ाई बाबत् मास्टर प्लान में संशोधन हेतु विभाग को विस्तृत प्रस्ताव प्रेषित किया जावें। साथ ही स्थानीय विधायक जौहरी लाल मीणा व कांग्रेस उपाध्यक्ष और पार्षद राजेन्द्र बैरवाल बैठक में उपस्थित थे पूरी कार्रवाही पढ़ कर ये अनुमान लगा सकते है कि पार्षद राजेन्द्र बैरवाल ने बार बार ये बात कही कि केवल तीन दिन का नोटिस देकर इन मकानों को तोड़ दिया जाए अतिक्रमण हटा दिया जाए। जबकि प्रस्ताव में ये हुआ था कि चिन्हित किया जाए अब चिन्हित का मतलब आप जानते है। ना ही चिन्हित किया, ना सुनवाही की सीधे बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया।

राज्य सरकार की दमनकारी नीति पर सवाल खडा करते हुए सुमेधानंद ने कहा कि आस्था पर ढेस पहुंचानें के साथ-साथ गहलोत सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है। जिनके मकान टूटे वो बेघर हो गए है कई घरों की सीढियां, शौचालय रसोई ओर पानी की टंकियां भी तोड़ दिए। वहां बुजुर्ग महिलाएं छतों पर बैठे है और वहां कि अब वहां पानी व बिजली भी नही है।

राज्य सरकार से मांग करते हुए स्वामी ने कहा कि जिन मंदिरों को तोड़ा गया उसके लिए सरकार माफी मांगे उन मंदिरों को वापस बनाया जाए, पटटा होने बावजूद जिन लोगो को बिना नोटिस दिए मकान तोडे, उनको मुआवजा या मकान बनाए जाए और जो भी अधिकारी इस पूरे प्रकरण में दोषी है जल्द जल्द उनके खिलाफ न्यायिक जांच कर सख्त कार्यवाही की जाए।

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