पद और पोस्टिंग चाहने वालों को दिल्ली की पर्ची का इंतजार
जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को काम संभाले एक महीने से ज्यादा वक्त हो गया है , लेकिन अभी तक ना तो मंत्रियों को विशिष्ट सहायक मिल सके है, और ना ही हाईकोर्ट में एजी और अन्य सरकारी वकील । वहीं ना तो बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को समझ आ रहा है और ना ही पद चाहने वाले बीजेपी के कार्यकर्ताओं को आखिर कैसे और कौन नियुक्ति देगा । क्या जयपुर से मिलेगी नियुक्ति या दिल्ली से । या फिर इसके लिए भारती भवन जाना पड़ेगा । वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल अपनी मस्ती में मस्त है । अचानक से सारे सरकारी कार्यक्रम बन रहे है , ना कोई इनका अधिकृत मीडिया ओएसडी है और ना ही कोई एक दिन पहले सूचना देने वाला कोई सरकारी तंत्र । हां यह जरूर है कि दो-तीन प्रमुख रीजनल चैनलों को अनअधिकृत मीडिया ओएसडी अपने नंबर बढ़ाने के चक्कर में सूचना दे देते है । जिससे थोड़ा माहौल बन सके । सभी पद चाहने वाले और पोस्टिंग चाहने वालों को दिल्ली की पर्ची का इंतजार है । किसने नाम कब कौन से पर्ची खुल जाए, यह खुद शायद सीएम भजनलाल को भी नहीं पता । पर्ची खुल भी जाए, तो दिन में भी पर्ची बदल जाती है ।
बीजेपी में प्रदेशाध्यक्ष समेत कई जिलाध्यक्ष बदलने की चर्चा
बीजेपी में अब संगठन में बदलाव की तैयारी की जा रही है। दिल्ली से लेकर जयपुर और जिलों में भी प्रदेश अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष बदलने की चर्चाएं जारी है। राजस्थान में ब्राह्मण मुख्यमंत्री बनने के बाद ब्राह्मण प्रदेशाध्यक्ष को बदले जाने की बयार चलने लगी है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेशाध्यक्ष को बदलकर किसी जातिगत समीकरण को साधा जा सकता है। सबकी निगाहें दिल्ली के फैसले पर ही टिकी हुई है।
वसुंधरा समर्थकों का संगठन से ही होगा पत्ता साफ
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाकर बीजेपी आलाकमान ने एक संदेश दिया है। यही नहीं वसुंधरा समर्थकों को मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं दी गई है। अब आने वाले समय में संगठन से भी वसुंधरा समर्थकों का पत्ता साफ हो सकता है। झालावाड़ समेत अन्य प्रमुख जिलों के अध्यक्षों को बदले जाने की खबर है। कई जिलों में बीजेपी नेता बदली हुई परिस्थितियों के मुताबिक राजनीतिक समीकरण बैठाने में लगे हैं।