सोनिया के मामले में एकजुट होगा विपक्ष!

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार यानी 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय, ईडी के सामने पेश होंगी। नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने उनको 21 जुलाई को बुलाया है। कई बार समन टलने के बाद सोनिया गांधी ईडी के सामने पेश होंगी। इससे पहले राहुल गांधी से पांच दिन तक इसी मामले में ईडी ने पूछताछ की थी। कोई 50 घंटे की पूछताछ के बाद स्पष्ट नहीं है कि ईडी संतुष्ट हुई है या नहीं। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं है कि आगे उनसे पूछताछ नहीं होगी। हेराल्ड मामले में ईडी मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई और कांग्रेस नेताओं से पूछताछ कर चुकी है।

अब तक यह मामले कांग्रेस अपने हिसाब से संभाल रही थी। राहुल गांधी से पूछताछ के दौरान पांच दिन तक दिल्ली में और देश के हर राज्य में प्रदर्शन हुए थे। लेकिन वह पूरी तरह से कांग्रेस का प्रदर्शन था। कांग्रेस को विपक्षी पार्टियों का किसी तरह का समर्थन नहीं मिला था। सोचें, किसी विपक्षी नेता के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई होती है तो कांग्रेस बयान जारी करके उसका विरोध करती है। इसके बावजूद किसी विपक्षी नेता ने राहुल गांधी का समर्थन नहीं किया। कांग्रेस अकेले लड़ती रही। पूरा विरोध सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का था। उसमें कहीं भी दूसरी पार्टियां या आम लोग शामिल नहीं हुए।

सोनिया गांधी की पेशी के विरोध में भी कांग्रेस नेता प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इस बार कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि विपक्षी पार्टियां साथ देंगी। इस बार संसद का सत्र भी चल रहा है और दूसरे मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का है। कांग्रेस ने इस बारे में कुछ विपक्षी पार्टियों से बात की है और संसद में विरोध की योजना बनाई है। संसद के अंदर और संसद भवन परिसर में कांग्रेस गुरुवार को प्रदर्शन कर सकती है। कांग्रेस नेता उम्मीद कर रहे हैं कि शिव सेना, एनसीपी और डीएमके का साथ उनको मिलेगा।

विपक्ष के कुछ नेताओं ने अनौपचारिक बातचीत में माना है कि वे कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सड़क पर नहीं उतर सकते हैं। इससे साफ हो गया है कि कोई भी पार्टी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर कांग्रेस के आंदोलन में शामिल नहीं होगी। लेकिन कुछ पार्टियों का नैतिक समर्थन कांग्रेस को मिलेगा और संसद के अंदर या संसद परिसर में होने वाले विरोध प्रदर्शन में कुछ नेता शामिल हो सकते हैं। दूसरी ओर कांग्रेस का प्रयास इस मामले पर ज्यादा से ज्यादा विरोधी पार्टियों को साथ लाने की है। कांग्रेस समझा रही है कि सभी पार्टियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा है इसलिए उनको एक साथ मिल कर इसका विरोध करना चाहिए।

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