लालू, सोरेन और ममता परिवार पर तलवार
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को विंडफॉल गेन यानी छप्पर फाड़ सीटें जिन तीन-चार राज्यों में मिली थी उनमें से एक राज्य पश्चिम बंगाल है, जहां अप्रत्याशित रूप से भाजपा ने 18 सीटें जीती थीं। झारखंड में लगातार दूसरी बार भाजपा को 12 सीटें मिली थीं। बिहार में भाजपा की सीटें 2014 में मिली 23 से कम 17 थी। मगर कुल मिलाकर एनडीए की सीटें 32 से बढ़ कर 39 हो गई थीं। इस तरह पूर्वी भारत के तीन राज्यों- बंगाल, बिहार और झारखंड में भाजपा को अकेले 47 सीटें मिली थीं। भाजपा इन तीन राज्यों में नुकसान अफोर्ड नहीं कर सकती है। तभी केंद्रीय एजेंसियां इन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं। इसलिए आने वाले दिनों में इनकी सक्रियता बढ़ेगी।
बिहार में सत्ता पलटने के बाद जदयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि राजद को फोन करके धमकाने की कोशिश की गई थी। फोन करके धमकाने की बात अपनी जगह है लेकिन मई में नीतीश कुमार के पाला बदलने की अटकलें शुरू होने के साथ ही लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते समय हुए किसी भर्ती घोटाले में एफआईआर दर्ज की गई। लालू सहित उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के घरों पर छापे मारे गए। इससे बात नहीं बनी तो जुलाई में लालू के सबसे करीबी सहयोगी भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। जिस मामले में भोला यादव गिरफ्तार हुए हैं उसमें लालू प्रसाद और राबड़ी देवी सहित उनकी दो बेटियों के भी नाम हैं। तेजस्वी यादव सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला पहले से चल रहा है। ये सारे मामले फिर से खुल सकते हैं।
उधर झारखंड में कमाल हो रहा है। पिछले डेढ़ साल में हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने के तीन गंभीर प्रयास हुए हैं और हर बार प्रयास असफल रहे। इस डेढ़ साल में तमाम केंद्रीय एजेंसियों की जांच झारखंड में शुरू हुई है। ईडी ने राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया है। ईडी ने मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को गिरफ्तार किया है। ईडी मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार से पूछताछ कर रही है। सब अलग अलग मामले हैं। मुख्यमंत्री के खदान की लीज अपने नाम कराने के मामले में चुनाव आयोग में शिकायत है और उनके व उनके विधायक भाई पर सदस्यता खत्म होने की तलवार लटकी है। कथित तौर पर चार सौ फर्जी कंपनियों की जांच की एक पीआईएल हाई कोर्ट में है, जिसकी मेंटनेबिलिटी को हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। इस मामले में जांच सीबीआई को जानी है। शिबू सोरेन परिवार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक मामला लोकपाल में है, जिसकी प्रारंभिक जांच हो चुकी है। इस महीने के अंत में उसका फैसला आना है। सो, आयकर, ईडी, सीबीआई, लोकपाल, न्यायपालिका, चुनाव आयोग सहित कोई भी संस्था नहीं बची है, जो झारखंड में सोरेन परिवार और उनके करीबियों के खिलाफ जांच नहीं कर रही है या जांच नहीं शुरू करने वाली है।
पश्चिम बंगाल में भी सारी एजेंसियां ममता बनर्जी के परिजनों और उनके करीबी सहयोगियों के पीछे पड़ी हैं। ईडी ने उनकी सरकार में नंबर दो मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। उनके सबसे करीबी नेताओं में से एक और बड़े बाहुबली अनुब्रत मंडल को मवेशी तस्करी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। ममता के भतीजे अभिषेक और उनकी पत्नी के ऊपर कोयला तस्करी के मामले में जांच चल रही है। पांच साल पहले दायर की गई एक याचिका पर हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के 19 मंत्रियों की संपत्ति के मामले में ईडी को भी पार्टी बनाया है। इन 19 नेताओं में सात मंत्री और ममता के करीबी बड़े नेता शामिल हैं।
इस तरह बिहार में लालू प्रसाद, झारखंड में शिबू सोरेन और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों को चैन नहीं मिलने वाला है। अगले लोकसभा चुनाव तक इन सबकी जांच होती रहेगी। तलवार लटकी होगी। जरूरी हुआ तो गिरफ्तारी भी होगी। किसी भी तरह से इन राज्यों में नुकसान नहीं होने देने की योजना पर काम होगा।