भजनलाल सरकार पर नाराज हुए स्पीकर वासुदेव देवनानी

राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब में हो रही देरी को लेकर स्पीकर वासुदेव देवनानी ने नाराजगी जताई। उन्होंने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब तीन दिन के भीतर आना चाहिए।स्पीकर देवनानी ने कहा कि पहले ऐसा होता था कि सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाने के 12 घंटे के भीतर संबंधित विभाग जवाब दे देता था, लेकिन अब महीनों तक जवाब नहीं आ रहा। उन्होंने सरकार से इस व्यवस्था को सुधारने की बात कही।

एक महीने से अटका था जवाब
दरअसल, स्पीकर को जानकारी मिली कि 5 फरवरी को लगाया गया एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव अभी तक लंबित है और रेवेन्यू विभाग ने इसका जवाब नहीं दिया। जब एक महीने बाद जवाब आया तो उसमें कहा गया कि इतने कम समय में जवाब देना संभव नहीं है। इस पर स्पीकर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार को व्यवस्था सुधारने का निर्देश दिया।
इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने स्पीकर को आश्वस्त किया कि आगे से ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के जवाब समय पर देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

क्या होता है ध्यानाकर्षण प्रस्ताव?
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, संसद में किसी सदस्य द्वारा किसी मंत्री का ध्यान किसी अहम सार्वजनिक मुद्दे की ओर आकर्षित करने के लिए पेश किया जाने वाला प्रस्ताव होता है। इस प्रस्ताव के ज़रिए, मंत्री से उस मामले पर आधिकारिक बयान मांगा जाता है। इसे विधानसभा में पेश किया जा सकता है।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की खास बातें
गौरतलब है कि अध्यक्ष की अनुमति से ही कोई सदस्य यह प्रस्ताव पेश कर सकता है। यह किसी तत्काल सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर ही लाया जाता है। प्रस्ताव को प्रश्नकाल और अन्य कार्यों के बाद लिया जाता है। मंत्री को इस पर आधिकारिक बयान देना होता है, जिससे जनता को सही जानकारी मिलती है।

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