पर्ची पद्धति लोक महत्व के तात्कालिक मुद्दों को सदन में उठाने का आधार – देवनानी
– स्पीकर देवनानी की पहल से विधानसभा में पर्ची पद्धति पुन: प्रारम्भ, स्थानीय मुद्दों को सदन में उठाये जाने का अवसर बढा
जयपुर। सोलहवीं राजस्थान विधान सभा के द्वितिय सत्र में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर पर्ची पद्धति गुरूवार से पुन: प्रारम्भ की गई। पर्ची पद्धति के लिये ऑन लाईन एवं ऑफलाईन दोनों तरह की व्यवस्था रखी गई है। प्रात: 09:15 बजे तक ऑनलाईन एवं ऑफलाईन से प्राप्त पर्चियों की लॉटरी निकाली गई। 13 विधायकों ने ऑनलाईन और 31 विधायकों ने ऑफलाईन से पर्चिया प्रस्तुत की। अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि इस पद्धति से विधायकगणों को सदन में स्थानीय मुद्दों को उठाने के अवसरों में वृद्धि हुई है।
प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा की मौजूदगी में विधायक ललित मीणा ने लेपटॉप का बटन दबाकर ऑन लाईन व्यवस्था से पर्चियों की लॉटरी निकाली। गुरूवार को चार विधायकों धर्मपाल, गोविन्द प्रसाद, ललित मीणा और राजेन्द्र के नाम की पर्चियां लॉटरी में निकली।
पर्ची पद्धति के माध्यम से तात्कालिक लोक महत्व के महत्वपूर्ण विषयों पर विधायकगण सदन में अपनी बात रखते हैं। चार विधायकों को 2-2 मिनिट का समय इस माध्यम से दिया जाता है। मार्च, 2020 में अंतिम बार पर्ची पद्धति से मुद्दे उठायें गये थे।
विधानसभा अध्यक्ष देवनानी की इस पहल का पक्ष-प्रतिपक्ष के विधायकगणों ने सराहना की है। विधायकगणों को इससे अपने-अपने क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों को सदन में उठाये जाने का अवसर बढेगा।
वार्षिक प्रतिवेदनों पर हुई चर्चा- गुरूवार को राजस्थान विधान सभा में राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास और निवेश निगम लिमिटेड और राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फैडरेशन लिमिटेड के वार्षिक प्रतिवेदनों पर चर्चा भी हुई।