सांगानेर विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पेंद्र भारद्वाज पर भू माफिया होने का लगाया आरोप

जनसेवक है या भूमाफिया, वैशाली नगर में 5 करोड़ और विद्याधर नगर में 1 करोड़ की जमीन पर किया कब्जा

जयपुर।राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान जयपुर शहर की सांगानेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पुष्पेन्द्र भारद्वाज चुनाव मैदान में है। प्रचार के दौरान भारद्वाज स्वयं को जनसेवक होने का दावा कर रहे है लेकिन कुछ ऐसे लोग मीडिया के सामने आए हैं जो पुष्पेन्द्र भारद्वाज को भूमाफिया बता रहे हैं। जयपुर के श्याम नगर निवासी नरेन्द्र जैन और सीकर निवासी श्रीराम शर्मा (लाटा) सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए। जैन का आरोप है कि पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने वैशाली नगर स्थित उनकी पूरी इमारत पर अवैध कब्जा कर लिया है। जैन की पत्नी के नाम से गांधी पथ वैशाली नगर में एक इमारत है। इस इमारत की पहली मंजिल पर बना एक फ्लैट पुष्पेन्द्र भारद्वाज को बेचा गया था। एक फ्लैट खरीदने के बाद पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने राजनैतिक पहुँच और गुंडागर्दी के चलते पहली मंजिल के संपूर्ण 4 हजार वर्ग फीट के एरिया पर कब्जा कर लिया। साथ ही 4 हजार वर्ग फीट की छत पर भी अवैध कब्जा करके 4 फ्लैट का निर्माण करा लिया। नरेन्द्र जैन का कहना है कि पहली मंजिल और छत पर निर्माण कार्य शुरू करने के दौरान जून 2016 को वे मौके पर गए तो पुष्पेन्द्र भारद्वाज और उसके गुंडों ने जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर आई और पीड़ित नरेन्द्र जैन क यह कहते हुए थाने लेकर गई कि आप अपनी रिपोर्ट लिखवाओ।

थाने में तीन चार घंटे बैठाए रखा और बाद में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की और ना ही पुष्पेन्द्र भारद्वाज द्वारा किए जा रहे अवैध निर्माण को रोका। जिस इमारत पर पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने कब्जा कर रहा है। उसी इमारत में वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ रहता है। जिस प्रॉपर्टी पर वह अवैध कब्जा करके बैठा है। वर्तमान में उस प्रॉपर्टी की कीमत 5 करोड़ रुपए से ज्यादा है। पीड़ित जैन का कहना है कि पुलिस द्वारा रिपोर्ट दर्ज नहीं करने पर उन्होंने कोर्ट इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज कराया। एफआईआर दर्ज होने के बाद वैशाली नगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। राजनैतिक दबाव के चलते भारद्वाज आज भी अवैध रूप से वहां काबिज है। पिछले पांच साल में पुलिस कमिश्नर से लेकर डीजीपी तक कई बार मुलाकात करके ज्ञापन दिया जा चुका। जनसुनवाई में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मिलकर दो तीन बार ज्ञापन दिया जा चुका।

मुख्यमंत्री जी पुष्पेन्द्र भारद्वाज का नाम सुनते ही मुस्कुराकर कार्रवाई करने का आश्वासन देते रहे। पुलिस अधिकारी भी कार्रवाई का आश्वासन देते रहे लेकिन आज तक किसी ने कार्रवाई नहीं की।

सीकर के बजाज नगर निवासी श्रीराम शर्मा (लाटा) का आरोप है कि उन्होंने वर्ष 1995 में जयपुर के विद्याधर नगर स्थित जैम्स कॉलोनी में एक प्लॉट 13 बी खरीदा था। वर्ष 2014 में उनके प्लॉट पर पुष्पेन्द्र भारद्वाज द्वारा कब्जा कर लिया गया। दरअसल पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने जैम्स कॉलोनी में किसी महेश नामक व्यक्ति से प्लॉट नंबर 13 एक खरीदा था। बाद में भारद्वाज ने प्लॉट नंबर 13 बी पर भी कब्जा कर लिया। 15 मार्च 2014 में पीड़ित श्रीराम शर्मा ने जेडीए थाने में पुष्पेन्द्र भारद्वाज, उनके पिता अभिनंदन भारद्वाज सहित अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। जेडीए थाना बंद होने के बाद वह मुकदमा विद्याधर नगर थाने में ट्रांसफर हुआ। वहां पुष्पेन्द्र भारद्वाज ने राजनैतिक रसूखात के चलते पुलिस से मिलीभगत करके मामले पर एफआईआर लगवा दी। पीड़ित की गुहार पर कोर्ट के आदेश से मामला रिओपन हुआ और दो अलग अलग पुलिस अधिकारियों ने जांच की। तत्कालीन एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रफुल्ल कुमार के निर्देश पर कमिश्नरेट में तैनात इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा ने जांच की और पुष्पेंद्र के पिता अभिनंदन भारद्वाज को दोषी माना। बाद में इंस्पेक्टर अशोक खत्री द्वारा की गई जांच में पुष्पेन्द्र भारद्वाज को भी दोषी माना गया। एफएसएल रिपोर्ट में पुष्पेन्द्र भारद्वाज द्वारा तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज में हस्ताक्षर पाए गए। पीड़ित श्रीराम मीणा का कहना है कि मामले में दोषी पाए जाने के बाद पुष्पेन्द्र भारद्वाज के पिता अभिनंदन भारद्वाज ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत लगाई। जो कि खारिज हो चुकी। उसके बावजूद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है।

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