सांगानेरः अशोक लाहोटी का यू-टर्न, पहले विरोध किया, अब साथ जाकर भरवाया भजनलाल शर्मा का नामांकन
जयपुर। हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले। बहुत निकले मेरे अरमां लेकिन, फिर भी कम निकले। सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता तो कार्यकर्ता मौजूदा विधायक अशोक लाहौटी की कुछ ऐसी ही स्थिति है। लाहौटी ने टिकट कटने पर पहले तो प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा का जमकर विरोध करवाया। पार्टी कार्यालय में अपने समर्थकों को भेजकर उनका पुतला तक जलवाया। अब फिर यू-टर्न लेकर शुक्रवार को खुद भजनलाल शर्मा का सांगानेर विधानसभा सीट से नामांकन भरवाने पहुंचे। इस दौरान राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और जयपुर सांसद रामचरण बोहरा भी भजनलाल के साथ नजर आए।
भाजपा सूत्रों की मानें तो मौजूदा विधायक अशोक लाहौटी का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले दिन जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर के साथ एसीबी में पकड़े गए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारी निंबाराम के प्रकरण में लाहौटी की ही मुख्य भूमिका मानी जा रही थी। संघ ने इसे काफी गंभीरता से लिया, इसीलिए विरोध स्वरूप लाहौटी का टिकट काटा गया। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि लाहौटी भजनलाल शर्मा का विरोध करके सिविल लाइंस से टिकट के लिए दबाब बना रहे थे।
सूत्रों का कहना है कि सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के पार्टी वर्कर और आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ता अभी पूरी तरह मन से सक्रिय नहीं हुए हैं। क्योंकि इनमें कई लोग वरिष्ठ पत्रकार प्रताप राव से जुड़े थे तो कुछ गोपाल शर्मा के साथ लग गए थे। इन दोनों को ही टिकट नहीं मिला है। वहीं टिकट कटने से लाहौटी की नाराजगी पूरी तरह दूर नहीं हुई है। भले ही वे दिखावे के लिए नामांकन में साथ आ गए हैं।
कब तक बाहरी नेता सांगानेर में चुनाव लड़ते रहेंगेः
स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की टीस यह है कि आखिर सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कब तक बाहर से प्रत्याशियों को लाकर चुनाव लड़ाती रहेगी। बीकानेर के नोखा निवासी अशोक लाहौटी सिविल लाइंस में चुनाव हारने के बाद पिछली बार सांगानेर आए थे। इसी तरह घनश्याम तिवाड़ी भी चौमूं और सीकर छोड़कर यहां आए थे। अब भजन लाल शर्मा को भरतपुर से लाकर यहां टिकट दिया है। जबकि किसी स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दिया जाना चाहिए था। यहां के कार्यकर्ता कब तक पोस्टर चिपकाते औऱ पर्चियां बांटते रहेंगे। अनुशासन के नाम पर उन्हें चुप कराया जाता रहेगा।