पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का सुरक्षित पनाहगाह बना राजस्थानः राज्यवर्धन सिंह राठौड़

जयपुर। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड ने प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को लेकर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुखिया पर स्पष्ट आरोप लगाकर कहा कि जहां प्रदेशवासी दीपावली की खुशियां मना रहे है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था खुशियों पर ग्रहण लगाने का काम कर रही है। प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था व अपराध के लिए गुंडे, अपराधियों, डकैतों व बलात्कारियों का प्रशासन से मिलीभगत के बिना संभव नहीं है, ऐसा लगता है कि प्रशासन ने भी अपराधियों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है।

राठौड़ ने बताया कि, प्रदेश में हो रही है निर्मम अपराधिक घटनाओं का जिक्र करते हुए राठौड़ ने कहा कि अलवर में 3 बच्चों का अपहरण कर, दो बच्चों की हत्या की गई, सीकर में अपहरण, भीलवाड़ा में युवक को बंधक बनाकर 2 लाख 80 हज़ार की लूट, कोटा में कोचिंग जा रही छात्रा का अपहरण, जोधपुर के बिलाड़ा में पुलिस के सामने थाने से युवती का अपहरण, कामां में एक युवती का अपहरण व बलात्कार कर धर्म परिवर्तन करना, बाड़मेर में पत्रकार पर हमला जिसमें पत्रकार ने कांग्रेस नेता का स्पष्ट नाम लेते हुए थाने में शिकायत दर्ज करवाई पुलिस ने कोई भी कार्यवाहीं नही की, राजधानी जयपुर में वृद्ध महिला के पैरों को काटरकर चांदी के कड़े लूटने की घटना जैसी जघन्य अपराध की घटनाएं प्रदेश के जिलों में प्रतिदिन हो रही है।

राठौड़ ने बताया कि, प्रदेश के मुख्यमंत्री जो स्वंय गृहमंत्री भी है, आज पड़ोसी राज्य गुजरात में जाकर कांग्रेस की सत्ता आने पर राजस्थान के विकास मॉडल की बात कर रहे है और राजस्थान की वर्तमान कानून व्यवस्था यह है कि प्रदेश में प्रतिदिन 18 बलात्कार, गत वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत हत्या के मामलें, हत्या के प्रयासों में 50 प्रतिशत, बलात्कार के 48 प्रतिशत, दलितों पर अत्याचार की 126 प्रतिशत, डकैती के पूरे 200 प्रतिशत के मामलों में बढ़ोतरी हो चुकी है, क्या यह विकास मॉडल गुजरात को देने की बात कह रहे है। मुख्यमंत्री को इन घटनाओं पर रोकथाम के लिए पुलिसबल को एक्शन मॉड में लगाना चाहिए जबकि प्रदेश की पुलिस को सरकारी प्रचार के हॉडिंगों की सुरक्षा में चौराहों पर लगा रखा है, इंटेलिजेंस को कानून व्यवस्था बनाए रखने व अपराधिक घटनाओं को रोक पाने की बजाए उसके अधिकारियों को विधायकों की जासूसी करने के कार्यों में लगा रखा है। भाजपा शासित पड़ोसी प्रदेशों में अपराधियों पर कड़े कानून और सजा के माध्यम से उनकी संपत्तियों पर बुलडोजर द्वारा कार्यवाही कर दंड दिया जा रहा है जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपराधियों को गरीब बताकर उनके प्रति दयाभाव दिखात रहे है। इंटेलिजेंस फेल्योर के कारण ही आज राजस्थान अपराधियों की शरणस्थली और आरामगाह बन चुका है, जो प्रशासनिक मिलीभगत से आए दिन श्रंखलाबद्ध तरीके से प्रदेश में अपराध कर रहा है और जनता अपने को असुरक्षित और हताश महसूस कर रही है।

राठौड़ ने कहा कि, मुख्यमंत्री गहलोत अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के पार्टी में आंतरिक संघर्ष को छोड़ केंद्र सरकार की कर्तव्यनिष्ठा से सीख लेनी चाहिए कि किस तरह केंद्र सरकार की एजेंसियां व एनआईए अपराधियों पर लगातार कार्यवाही कर रही है, प्रदेश में अपराधी इस बात को भलीभांति समझ ले कि 2023 में भाजपा की सरकार आने पर उन्हें कानून व्यवस्था को बनाए रखने का पाठ पढ़ाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *