चार राज्यों के शोर में दबकर रह गई राहुल गांधी की पहली बड़ी कामयाबी
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण खबर थी कि- तेलंगाना में कांग्रेस ने चमत्कारिक उपलब्धि दर्ज करवाई है।, वह दब गई, मतलबराहुल गांधी की पहली बड़ी कामयाबी चार राज्यों के शोर में दबा दी गई।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में संख्या के नजरिए से भले ही बीजेपी के पास तीन राज्य हों और कांग्रेस के पास एक राज्य हो, लेकिन कांग्रेस के कुल वोट बीजेपी के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं, अर्थात लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मोदी टीम के सामने बड़ा प्रश्नचिन्ह है।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की कामयाबी इसलिए सामान्य है कि कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी जीतती है, साल 2018 में कांग्रेस ने तीनों राज्य जीते थे, तो इस बार 2023 में तीनों राज्य बीजेपी ने जीते हैं। परन्तु तेलंगाना में कांग्रेस ने पहली बार इतनी बड़ी सफलता हासिल की है और तेलंगाना की इस कामयाबी में राहुल गांधी की सबसे बड़ी भूमिका रही है।
राहुल गांधी चुनाव के दौरान लगातार सभाएं, रैलियां कर रहे थे और उनमें उमड़ने वाली भीड़ बता रही थी कि- तेलंगाना में राहुल गांधी का जादू चलेगा। लेकिन मीडिया ने इसे नजर अंदाज करके तीन राज्यों पर सब कुछ फोकस कर दिया।
याद रहे, राजस्थान में अशोक गहलोत ने अनेक जनहित की योजनाएं दी, लेकिन हर बार राज बदलने की परंपरा कायम रही और केवल 2 प्रतिशत वोट के अंतर से राजस्थान कांग्रेस के हाथ से निकल गया। लेकिन इसका कोई फायदा लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को नहीं मिलेगा, क्योंकि सभी 25 सीटें बीजेपी गठबंधन ने जीती थी, उल्टे अब ये 25 सीटें बचाने की बड़ी चुनौती है।
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लाड़ली बहना ने कमाल दिखाया है, परन्तु यह आश्चर्यजनक है कि एमपी में मेहनत करे मामा, मुख्यमंत्री होगा कोई और? छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ने जनहित के कार्य किए थे, लेकिन वहां भी मतदाताओं ने राज बदलने का निर्णय लिया। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना, इन चार राज्यों में कांग्रेस को करीब 4 करोड़ 90 लाख वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को लगभग 4 करोड़ 81 लाख वोट मिले हैं। अर्थात लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी, जबकि बीजेपी की सीटें कम होंगी।
जिन तीन राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए इतना शोर मचाया जा रहा है, वहां बीजेपी कांग्रेस से औसतन 4 प्रतिशत वोट से आगे है, मतलब 2 प्रतिशत वोट बदलते ही सारा सियासी हिसाब बदल जाएगा। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि तीन राज्यों का शोर गोदी मीडिया ने तो खूब मचाया ही, कांग्रेस भी तेलंगाना को भूल कर इस शोर में खो कर रह गई।