संवैधानिक पद पर पीएम मोदी के 23 साल हुए पूरे- अमित शाह ने इन शब्दों के साथ दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संवैधानिक पद (पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री) पर बैठे हुए सोमवार को 23 साल पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर पिछले कई दशकों से गुजरात से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में हमेशा उनके साथ रहने वाले वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके 23 वर्षों के कार्यकाल को याद करते हुए पीएम मोदी को बधाई दी है।
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक जीवन में मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री के रूप में 23 वर्ष पूरे हुए हैं। एक व्यक्ति अपना पूरा जीवन राष्ट्रहित और जनसेवा को कैसे समर्पित कर सकता है, यह 23 वर्ष की साधना उस अद्वितीय समर्पण की प्रतीक है। यह 23 वर्षीय यात्रा, सामाजिक जीवन जीने वालों के लिए जीवंत प्रेरणा है। मेरे लिए यह सौभाग्य की बात है कि मैं उनकी इस यात्रा का साक्षी रहा हूं।”
शाह ने आगे कहा,”पीएम मोदी ने यह दिखाया कि कैसे गरीब कल्याण, विकास, देश की सुरक्षा व वैश्विक पहचान को मजबूती देने के कार्य समानांतर किए जा सकते हैं। उन्होंने समस्याओं को टुकड़ों में देखने की जगह, समग्र समाधान का विजन देश के सामने रखा।”
पीएम मोदी को बधाई देते हुए अमित शाह ने आगे कहा, “बिना रुके, बिना थके, बिना अपनी परवाह किये देश और देशवासियों के लिए समर्पित ऐसे राष्ट्र साधक मोदी जी को सेवा और समर्पण के 23 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई देता हूं।”
आपको याद दिला दें कि, नरेंद्र मोदी 7 अक्टूबर 2001 को पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने तक, वह लगातार चुनाव जीत कर गुजरात के मुख्यमंत्री बनते रहे। वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद छोड़कर देश के प्रधानमंत्री की बागडोर संभाली। इसी वर्ष – 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में तीसरी बार चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं।
“साल 2001 तक, मोदी सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में तीन दशक बिता चुके थे। आरएसएस के एक साधारण प्रचारक से लेकर भाजपा के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपने नेतृत्व के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में अपनी पहचान बना ली थी। लेकिन तब भी बहुत कम लोग जानते थे कि 1965 में कांकरिया वार्ड सचिव के रूप में जनसंघ से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले मोदी अब एक ऐतिहासिक छलांग लगाने वाले थे। वह अब 51 साल के भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे।”
पोस्ट के अनुसार, पार्टी के सदस्यों के बीच ‘नमो’ के नाम से पुकारे जाने वाले मोदी ने वर्षों तक भाजपा को गुजरात में एक मजबूत पार्टी के रूप में स्थापित करने के लिए मेहनत की। उस समय, गुजरात में कांग्रेस का दबदबा था और भाजपा की उपस्थिति बहुत कमजोर थी। 1984 में, गुजरात से केवल एक भाजपा सांसद थे, ए.के. पटेल थे जो मेहसाणा से चुने गए थे।
मोदी की दूरदर्शिता, रणनीतिक योजना और कड़ी मेहनत ने बीजेपी को गुजरात में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में, भाजपा ने न केवल कांग्रेस के प्रभाव वाले क्षेत्रों में जगह बनाई, बल्कि राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को भी पूरी तरह से बदल दिया। उन्होंने संगठनात्मक मजबूती के साथ पार्टी को उन क्षेत्रों में पैर जमाने में मदद की, जहां भाजपा का पहले कोई खास प्रभाव नहीं था।
“1985 में जब आरएसएस ने नरेंद्र मोदी को भाजपा के साथ काम करने का निर्देश दिया, तब उनके राजनीतिक कौशल और दूरदर्शिता ने भाजपा को कांग्रेस के खिलाफ एक गंभीर चुनौती देने वाली पार्टी के रूप में उभरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”देश का प्रधानमंत्री बनने तक लेकर गई। इस तरह, 23 साल पहले की यह घटना एक मील का पत्थर साबित हुई थी, जिसने भारत की राजनीति में पीएम मोदी के प्रभावशाली नेतृत्व को स्थापित किया।
भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर तमाम दिग्गज नेता और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे प्रतिष्ठित व्यक्ति भी इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्हें बधाई दे रहे हैं।