मोदी वर्सेज गहलोत होगी राजस्थान की जंग?

राजस्थान में अब तक भाजपा ने पीएम नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर ही आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही है। अब इससे भी आगे बढ़कर यह तय हुआ है कि राजस्थान में पार्टी की चुनावी गतिविधियों को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही संभालेंगे।

भाजपा ने अपने शीर्ष चार नेताओं को चार प्रदेशों की कमान सौंपने का फैसला किया है। इसके तहत पीएम मोदी को राजस्थान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मध्यप्रदेश, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को छत्तीसगढ़ और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को तेलंगाना की कमान सौंपी है। इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इस निर्णय के बाद चुनावी साल में राजस्थान के 7 दौरे-सभाएं कर चुके पीएम मोदी ने अब प्रदेश के सभी 28 सांसदों को 8 अगस्त को दिल्ली बुलाया है। इनमें 24 सांसद लोकसभा और 4 राज्यसभा के हैं। जानकारों की मानें तो इसके बाद विधायकों को भी दिल्ली बुलाकर वे फीडबैक लेंगे।

यह पहली बार होगा जब पीएम किसी स्टेट में डायरेक्ट चुनावी रणनीति देखेंगे। आखिर क्या वजह है कि राजस्थान में वे अपना फोकस बढ़ा रहे हैं? राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर क्या खास प्लानिंग की जा रही है?

8 अगस्त की मीटिंग का एजेंडा क्या है?

पीएम मोदी जब राजस्थान के 24 लोकसभा और चार राज्यसभा सांसदों के साथ बातचीत करेंगे तो उसमें चार केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी भी शामिल होंगे।

चार महीने पहले सभी सांसदों को पीएम मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार की 9 साल की उपलब्धियों को लेकर लोगों के बीच जाने की जिम्मेदारी दी गई थी। अब तक किसने क्या किया, इसका ब्यौरा लिया जाएगा।

सभी सांसदों से उनके द्वारा उनके क्षेत्र में हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली जाएगी।
सभी सांसदों के चुनाव क्षेत्र में आने वाली विधानसभा सीटों के बारे में बात की जाएगी। कहां क्या स्थिति है, क्या राजनीतिक संभावनाएं अभी नजर आ रही हैं, इन सब के बारे में बात की जाएगी।

आगामी विधानसभा चुनावों (दिसंबर-2023) और लोकसभा चुनावों (मई-2024) के बारे में क्या राजनीतिक घोषणा की जानी चाहिए।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की नीतियों-योजनाओं, सीएम गहलोत, मंत्रियों, विधायकों की आलोचना के लिए कौन-कौन से बिंदुओं पर वैचारिक, मौखिक और राजनीतिक आक्रमण किया जाना चाहिए।
राजस्थान से राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता घनश्याम तिवाड़ी ने बताया कि 8 अगस्त को दिल्ली में पीएम मोदी राजस्थान के सभी सांसदों की मीटिंग लेंगे। मीटिंग में राजस्थान चुनाव सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी।

जल्द ही पीएम विधायकों के साथ भी करेंगे संवाद

जल्द ही पीएम मोदी राजस्थान के विधायकों के साथ भी संवाद करेंगे। यह बैठकें संभाग वार होंगी। टिकट वितरण पर भी पीएम मोदी की कोर टीम ही फैसले करेगी। सूत्रों के अनुसार विधायकों की पहली मीटिंग 25-26 अगस्त के आसपास हो सकती है।

अक्सर किसी विधानसभा चुनाव को सीधे नहीं देखते हैं पीएम

विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार तो करते हैं, लेकिन आमतौर पर चुनावी रणनीति पर प्रधानमंत्री के स्तर पर इस तरह सीधी निगरानी नहीं रखी जाती। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश के प्रभारी, चुनाव प्रभारी और प्रदेशाध्यक्ष के माध्यम से ही चुनावी रणनीति बनाई जाती है, लेकिन इस बार प्रत्येक कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को भाजपा एक संदेश देना चाहती है कि पीएम भी संगठन में एक कार्यकर्ता की ही तरह होते हैं। उन्हें भी चुनाव में जिम्मेदारी दी जाती है

भाजपा में सीएम का फेस घोषित कर के ही लड़े गए हैं विधानसभा चुनाव

राजस्थान में पिछले दो दशक में वर्ष 2002 से 2018 तक चार चुनावों (2003, 2008, 2013 और 2018) में वसुंधरा राजे ही सीएम फेस भी रहीं। उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी की रणनीति तय हुई। पिछले चुनावों में 2018 में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे तो खुद शाह, वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के हिसाब से रणनीति तय होती थी।

राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका है, जब भाजपा ने पीएम के चेहरे और केंद्र की योजनाओं के आधार पर ही न केवल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है, बल्कि अब चुनावों की सीधी जिम्मेदारी भी स्वयं पीएम संभालेंगे।

मोदी की खरनाल (नागौर), कोटा संभाग और भरतपुर संभाग में सभा की तैयारी

जुलाई में पीएम मोदी की एक सभा राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता वीर तेजाजी महाराज के जन्म स्थान खरनाल (नागौर) में एक सभा प्रस्तावित थी। ऐन मौके पर ये सभा स्थगित हो गई थी। इसके बाद पीएम मोदी पड़ोसी जिले सीकर में आए थे और जनसभा को संबोधित किया था। अब जल्द ही राजस्थान में उनके तीन दौरे और हो सकते हैं। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक अगस्त महीने वे तीन स्थानों पर सभा या दौरे कर सकते हैं। इनमें एक स्थान खरनाल (नागौर) होगा, जहां वे वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।

इसके बाद उनकी दो सभा कोटा (हाड़ौती) और भरतपुर (ब्रज-मेवात) या जोधपुर (मारवाड़) संभाग में से किसी एक जगह पर हो सकती है। जल्द ही इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी होगा। पीएम मोदी नवंबर-2022 से अब तक राजस्थान में बांसवाड़ा (वागड़), सिरोही (गोडवाड़), अजमेर-पुष्कर (मेरवाड़ा), भीलवाड़ा (मेवाड़), दौसा (ढूंढाड़), बीकानेर (मारवाड़), सीकर (शेखावाटी) में आ चुके हैं। अब उनका राजस्थान के तीन-चार सांस्कृतिक क्षेत्रों में जाना शेष है। इसके लिए अगले एक-डेढ़ महीने में उनकी सभाएं व रैलियां होंगी।

पीएम मोदी ही लेंगे रणथम्भौर, गोगामेड़ी और बेणेश्वर रैलियों के नेतृत्व का फैसला

राजस्थान में भाजपा तीन बड़े धार्मिक स्थलों से जनसमर्थन रैलियां निकालने वाली है। अभी यह तय नहीं हुआ है कि इन धार्मिक स्थानों से निकलने वाली रैलियों का नेतृत्व कौनसा नेता करेगा। इसका निर्णय भी पीएम मोदी और उनकी कोर टीम ही करेगी।

यह रैलियां रणथम्भौर (सवाईमाधोपुर) स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेशजी, लोकदेवता गोगाजी की गोगामेड़ी स्थली (हनुमानगढ़) और आदिवासियों के तीर्थस्थल बेणेश्वर धाम (डूंगरपुर) से निकाली जाएंगी। इन जनसमर्थन रैलियों के नेतृत्व के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और राज्य सभा सांसद डॉ. किरोणी लाल मीणा आदि के नामों पर विचार किया जा रहा है।

राजस्थान के लिए पीएम को फीडबैक देने वाली कोर टीम तैयार
राजस्थान विधानसभा चुनाव पर फोकस बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की कोर टीम ने काम भी शुरू कर दिया है। बीजेपी ने हाल ही संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी को राजस्थान में चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। इससे पहले संसद के साथी सीपी जोशी को प्रदेशाध्यक्ष भी नियुक्त कर चुके हैं।

वहीं, पीएम मोदी की धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों की रणनीति को अमली जामा पहनाने वाले केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का भी पॉलिटिकल प्रमोशन किया है। प्रहलाद जोशी, सीपी जोशी और मेघवाल तीनों ही संसद के साथी हैं। ऐसे में तीनों की ट्यूनिंग पीएम मोदी की टीम के हिसाब से पहले ही सेट है।

ऐसा पहली बार : पीएम ने खुद ट्वीट कर सचिवालय घेराव का आह्वान किया

राजस्थान भाजपा ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक अगस्त को जयपुर में सचिवालय के घेराव का कार्यक्रम तय किया था। ऐसा पहली बार हुआ कि प्रदेश भाजपा के किसी आंदोलन के लिए स्वयं पीएम मोदी ने ट्वीट किया हो। ट्वीट करके मोदी ने लिखा कि बेटियों के मान में चलो…गरीबों के उत्थान में चलो…दलित सम्मान में चलो…किसान का दर्द भी सुनो..हुंकार भरो…।

इस ट्वीट का असर यह हुआ कि भाजपा के लगभग सभी छोटे-बड़े नेता और कार्यकर्ता इस घेराव में शामिल हुए। प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ पिछले साढ़े चार सालों में भाजपा का यह सबसे प्रभावशाली आंदोलन था। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आह्वान करने पर भाजपा ने इसे सफल बनाने के लिए पुरजोर कोशिश की थी।

हालांकि इससे पहले भी प्रदेश भाजपा ने दो बार विधानसभा, एक बार सिविल लाइंस फाटक, एक बार आरपीएससी आदि स्थानों पर प्रदर्शन किए थे। खुद पीएम मोदी की सभाएं भी हुईं, लेकिन जयपुर में प्रदर्शन के लिए पहली बार पीएम मोदी ने सार्वजनिक रूप से आह्वान किया। ट्वीट मोदी के निजी अकाउंट से किया था।

जल्द होंगी पीएम की और सभाएं- सीपी जोशी

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने बताया कि राजस्थान को लेकर पीएम मोदी की विशेष रणनीति है। राजस्थान में बढ़ते दुष्कर्म, बलात्कार और महिलाओं पर अत्याचार के मामलों पर पीएम मोदी के ट्वीट करने से निस्संदेह हमारे प्रयासों और आंदोलन को बल मिला है।

उनके ट्वीट के आह्वान पर हजारों लोगों ने सचिवालय का घेराव किया। कांग्रेस केवल चुनाव आने पर योजनाएं लांच करती हैं, जबकि पीएम मोदी ने पूरे नौ साल में देश का कायाकल्प किया है।

उन्होंने राजस्थान को हाल ही में कई हाईवे, वंदे भारत ट्रेन, कई मेडिकल कॉलेज, उज्जवला गैस, प्रधानमंत्री आवास, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का लाभ दिया है। वे राजस्थान के साथ इन सब योजनाओं को साझा कर रहे हैं।

पीएम मोदी क्यों राजस्थान पर बढ़ा रहे फोकस?

1. राजस्थान देश में कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत, यहां हर हाल में जीत चाहती है भाजपा

पिछले साढ़े चार साल से राजस्थान में कांग्रेस सरकार है। एक समय था जब कांग्रेस देश में केवल दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही सत्ता में रह गई थी। राजस्थान में दो बार बगावत का खेल भी हुआ, लेकिन सरकार नहीं गिरी। इससे कांग्रेस को ताकत हासिल हुई। इसके बाद कांग्रेस दोबारा खड़ी हुई। हिमाचल-कर्नाटक जैसे राज्यों में जीत दर्ज की। अब इस ताकत को खत्म करना भाजपा के लिए बेहद जरूरी है।

2. राजस्थान अकेला प्रदेश जहां दो बार लगातार लोकसभा की सभी सीटों पर जीती बीजेपी

भाजपा ने वर्ष 2014 और 2019 में प्रदेश की सभी 25 संसदीय सीटें कांग्रेस से छीन ली थीं। हालांकि 2019 के चुनाव में एक सीट नागौर गठबंधन के तौर पर हनुमान बेनीवाल को दी गई। 2019 में राजस्थान में सरकार कांग्रेस की थी, लेकिन इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई।

3. गुटबाजी और सीएम फेस की खींचतान खत्म करना भी जरूरी

राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित चार बड़े केन्द्रीय मंत्रियों और स्थानीय स्तर पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को सीएम फेस के लिए रेस में माना जाता है। सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस इसे लेकर कई बार राजनीतिक कटाक्ष भी करते रहे हैं।

ऐसे में यहां बड़े नेताओं के बीच खींचतान और सीएम फेस को लेकर कशमकश बिल्कुल खत्म करने के लिए स्वयं पीएम मोदी ही मोर्चे पर नजर आएंगे। उन्हीं के चेहरे और केंद्र की योजनाओं और रणनीति पर चुनाव लड़ा जाएगा।

रेप और लाल डायरी बनेंगे भाजपा के हथियार

भाजपा की कांग्रेस सरकार पर पिछले साढ़े चार सालों में जो भी हमले करने की रणनीति रही है, वो सुस्त सी रही है, लेकिन हाल ही पीएम मोदी ने संसद में मणिपुर के साथ राजस्थान का नाम जोड़कर कांग्रेस को बेचैन कर दिया।

इसी तरह से जब वे बीते सप्ताह सीकर में सभा को संबोधित कर रहे थे, तो उन्होंने लाल डायरी का जिक्र किया। इसी बीच विधानसभा में रेप और महिला अत्याचारों में राजस्थान के अव्वल रहने का मामला उठा। भाजपा आगामी दिनों में कांग्रेस पर रेप और लाल डायरी को लेकर जबरदस्त हमलावर होने वाली है। हाल ही इस विषय में सोशल मीडिया पर विशेष अभियान डिजाइन किया गया है, जिसे पीएम मोदी को भी दिखाया गया है।

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