संघ और भाजपा की दूरियां मिटी?
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में क्या चल रहा है यह तो वे दोनों ही जानते हैं लेकिन सार्वजनिक रूप से ऐसा लग रहा है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के बीच की दूरियां कम हो गई हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें कम होने के बाद संघ प्रमुख और दूसरे विचारकों की ओर से जो बयान दिए जा रहे थे, उनसे दोनों के मतभेद सामने आ रहे थे। ऐसा लग रहा था कि संघ की ओर से भाजपा का मजाक उड़ाया जा रहा है। लेकिन हरियाणा में भाजपा की जीत और जम्मू में पहले से बेहतर प्रदर्शन के बाद दोनों के बीच की दूरियां मिट गई हैं। अब वैचारिक रूप से भी दोनों नजदीकी दिखा रहे हैं और चुनावी राजनीति में भी खुल कर कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में संघ ने भाजपा की मदद की थी और राज्यों के चुनावों में भी भाजपा की मदद मिली है। महाराष्ट्र भाजपा के बड़े नेता सुधीर मुंगंटीवार ने कहा है कि संघ ने लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की थी और विधानसभा चुनाव में भी संघ की मदद मिल रही है। संघ हरियाणा में भी भाजपा की मदद कर रहा है और उपचुनावों में भी उसके स्वंयसेवक काम कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के जिस बयान को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी उस पर भी संघ ने अपनी समझ साफ कर दी है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से पहले जेपी नड्डा ने कहा था कि पहले कभी भाजपा को संघ की जरुरत थी लेकिन अब भाजपा बहुत मजबूत है और उसे संघ की जरुरत नहीं है। इस पर संघ के सरकार्यवाह यानी नंबर दो पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि नड्डा का यह बयान भाजपा की ताकत का प्रतीक है, संघ और भाजपा विभाजन का नहीं। मथुरा में संघ की एक अहम बैठक के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नड्डा के बयान के पीछे की भावना को संघ समझता है। यह स्वतंत्रता की भावना को बढ़ावा देने से जुड़ी है न कि संबंध विच्छेद से जुड़ी है। होसबाले ने यह भी कहा कि भाजपा परिवार है और परिवार के झगड़े निजी तौर पर निपटाए जाते हैं, सार्वजनिक रूप से नहीं। नड्डा के बयान पर कई महीने बाद पहली बार संघ की ओर से प्रतिक्रिया आई, जिससे लग रहा है कि दोनों के बीच सब कुछ ठीक हो रहा है।
इसी तरह दत्तात्रेय होसबाले ने मथुरा में ही यह भी स्पष्ट किया कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को उसका समर्थन है।
यह नारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों बार बार लगा रहे हैं। लेकिन इसी बात को दूसरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पांच अक्टूबर को महाराष्ट्र की एक सभा में कहा था। उन्होंने कहा था कि बंटना नहीं है क्योंकि बंटेंगे तो बांटने वाले महफिल सजाएंगे। संघ ने इस भावना का समर्थन किया है और कहा है कि हिंदुओं को एकजुट रहने की जरुरत है। इससे पहले इस साल दशहरा रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जो भाषण दिया, प्रधानमंत्री मोदी ने उसका समर्थन किया। इतना ही नहीं मोदी ने संघ की दशहरा रैली का वीडियो पोस्ट किया और संघ की तारीफ करते हुए उसकी स्थापना के सौवें वर्ष में प्रवेश के लिए स्वंयसेवकों को बधाई दी।