गर्ग और अवाना ने भरतपुर का नुकसान किया: डा. कप्तान सिंह
भाजपा ने मौका दिया तो भरतपुर वासियों की भरपूर सेवा करेंगे
जयपुर। सीएमएचओ एवं भरतपुर के भाजपा नेता डॉ. कप्तान सिंह ने तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग एवं विधायक जोगेन्द्र अवाना पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपने अनैतिक आचरण से भरतपुर का विकास करने के बजाय जनता के दुख दर्द बढ़ाए हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में भरतपुर के लोग उन्हें सबक सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि भरतपुर में जन्मे और भरतपुर के गांव, गरीब, किसान, मजदूरों से जुड़े होने के कारण वे उनकी तकलीफों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और एक चिकित्सक और जिला सीएमएचओ रहते वे नेताओं के इसी अनैतिक आचरण से बहुत आहत हुए हैं।
डॉ. सिंह गुरुवार को यहां पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि भरतपुर के मौजूदा नेताओं से आहत होकर उन्होंने अपने जिले के नागरिकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और क्षेत्र के आवश्यक विकास के लिए राजनीति में आने का तय किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रहित की नीतियों के समर्थन में भाजपा से जुड़ना उचित समझा है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भरतपुर के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराते हुए उन्होंने नियमित भरतपुर बुलेटिन जारी किया। भरतपुर के नागरिकों के इलाज को प्राथमिकता देने के चलते उनके राज्यमंत्री सुभाष गर्ग से कुछ स्वास्थ्य विषय में मतभेद भी हुए। इसके जवाब में उन्हें अकारण ही भरतपुर सीएमएचओ पद से हटा दिया गया, लेकिन वे इसके खिलाफ कोर्ट गए और वहां से जीतकर आए। वे वापस ड्यूटी पर लौटे तो तत्काल उन्हें फिर निलम्बित कर दिया गया। इस दौरान भरतपुर के सर्व समाज ने मेरे निलम्बन का पुरजोर विरोध किया और मुझे वापस लाने की मुहिम चलाई। मैंने मुझ पर लगाए सभी आरोपों को झूठा साबित किया और ड्यूटी पर लौटा। मैंने भरतपुर जिले के बाहर चिकित्सा विभाग में अन्य जिलों में कई सालों से तैनात कार्मिकों को वापस भरतपुर में स्थानांतरित होने में सहयोग किया, जिसके बदले नदबई क्षेत्र के विधायक जोगेन्द्र अवाना ने भी मुझे परेशान किया। मैंने जिले के नागरिकों के हित में जिले के लोगों को अवाना के मुताबिक जिले से बाहर नहीं भेजा तो मुझे सरकार से कहकर हटवा दिया। भरतपुर के नेताओं की नीयत सिर्फ भ्रष्टाचार और निजी विकास की है, जिससे भरतपुर वासियों का काफी नुकसान हुआ है। ऐसी नीतियों का विरोध करने पर मेरा तबादला बाड़मेर कर दिया गया। मैं कोर्ट से जीतकर फिर आ गया तो मुझे अनैतिक तरीके से फिर हटवा दिया गया। अंत में मैंने मजबूरन राजकीय सेवा छोड़कर राजनीति में आने का निर्णय किया है। भरतपुर का मूल निवासी होने के नाते मैंने यहां के गांव, गरीब, मजदूर, किसान के दुख दर्द को करीब से देखा है और इसी दुख दर्द में उनकी सहायता करने के उद्देश्य से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की है।
डॉ. कप्तान सिंह ने बताया कि भाजपा नीतिगत पार्टी है और अगर मुझे भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से मौका मिला तो अवश्य ही यहां कमल खिलाएंगे और राजनीति के माध्यम से जनता की भरपूर सेवा करेंगे।