राजनीति में सुलह सफाई का दौर
भारतीय राजनीति में समय समय पर कुछ चीजों का दौर आता है। कभी पार्टी टूटने और नेताओं के रूठने का दौर आता है तो कभी सुलह सफाई का दौर आता है। इस समय देश भर में ऐसा लग रहा है कि सुलह सफाई का दौर आया हुआ है। बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक रूठे नेताओं को मनाया जा रहा है और नेता अपना झगड़ा भूल कर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। सबसे बड़ा मामला राजस्थान का था, जहां कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह कराई। दोनों ने अगले चुनाव तक एकजुट रहने और कांग्रेस को मजबूती से चुनाव लड़ाने का संकल्प जताया।
इसके तुरंत बाद खबर आई कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताओं में एक रहे शिवपाल यादव मान गए हैं और भतीजे को नेता मान लिया है। उन्होंने मैनपुरी लोकसभा सीट पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को समर्थन तो पहले ही दे दिया था। लेकिन प्रचार के दौरान उन्होंने सारे गिले शिकवे भूल कर अपने समर्थकों और सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अखिलेश यादव को उनके पिता मुलायम सिंह यादव की तर्ज पर छोटे नेताजी कहें और उसी तरह सम्मान दें।
जिस दिन यह घटनाक्रम हुआ उसी दिन बिहार में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को मनाया। अपने बेटे सुधाकर सिंह के नीतीश कुमार की सरकार से बाहर होने के बाद नाराज चल रहे जगदानंद सिंह दो महीने से पार्टी के प्रदेश कार्यालय नहीं जा रहे थे और वे राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। लेकिन बुधवार को तेजस्वी यादव उनको अपनी गाड़ी में बैठा कर, खुद गाड़ी चला कर प्रदेश कार्यालय ले गए। कहा जा रहा है कि वे भी अब मान गए हैं।