द्रौपदी मुर्मू बड़े अंतर से जीती!
आजाद भारत को पहला आदिवासी राष्ट्रपति मिल गया। एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू चुनाव जीत गईं। वे देश की दूसरी महिला और पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी हैं। मुर्मू ने राष्ट्रपति पद के लिए विपक्षी पार्टियों के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से पराजित किया है। वोटों की गिनती का तीसरा दौर समाप्त होने के बाद जैसे ही द्रौपदी मुर्मू ने 50 फीसदी वोट का आंकड़ा पार किया, यशवंत सिन्हा ने अपनी हार स्वीकार करते हुए उनको बधाई दी। मुर्मू 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी।
द्रौपदी मुर्मू के चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको बधाई देने उनके आवास पर गए। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर भी उनके लिए बधाई संदेश लिखा। मोदी ने लिखा- द्रौपदी मुर्मू जी एक असाधारण विधायक और मंत्री रही हैं। झारखंड के राज्यपाल के तौर पर उनका बेहतरीन कार्यकाल रहा है। मुझे यकीन है कि वे उत्कृष्ट राष्ट्रपति साबित होंगी जो आगे बढ़ कर नेतृत्व करेंगी और भारत की विकास यात्रा को मजबूत करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी कैबिनेट के कई वरिष्ठ सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के आवास पर पहुंचकर उनको बधाई दी।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने भी द्रौपदी मुर्मू को जीत पर बधाई दी। सिन्हा ने कहा- मैं राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर द्रौपदी मुर्मू को दिल से बधाई देता हूं। मुझे उम्मीद है और वास्तव में हर भारतीय को उम्मीद है कि देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर वे बिना किसी डर और पक्षपात के संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करेंगी।
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान हुआ था और गुरुवार को सुबह 11 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई। पहले दौर में सांसदों के वोट गिने गए। कुल 748 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया था, जिनमें से 540 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले थे और यशवंत सिन्हा को 208 वोट मिले। अगले दो दौर में 2,471 विधायकों के वोट गिने गए, जिनमें से मुर्मू को 1,621 और सिन्हा को 850 वोट मिले। तीन दौर की गिनती के बाद मुर्मू को मिले वोटों का कुल मूल्य पांच लाख 77 हजार से ज्यादा हो गया, जबकि जीत का आंकड़ा पांच लाख 40 हजार से कुछ ज्यादा का था।