डोटासरा ने मुख्यमंत्री भजनलाल को दी सीधी चुनौती, बोले- ‘एक साल का काम लेकर आएं’
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया से रूबरू होकर भजनलाल सरकार पर जमकर हमला बोला।
जयपुर। एक वर्ष पूर्व राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा के नेताओं ने प्रदेश की जनता से बड़े-बड़े वादे किये थे और हर वर्ग को पीडि़त बताया था, कानून-व्यवस्था पर प्रश्र उठाये थे, पेपर लीक और नही सहेगा राजस्थान जैसे नारे देकर सत्ता हासिल की थी, लेकिन आज हिसाब का समय आ गया है, भाजपा के 12 माह के शासन की स्थितियों की समीक्षा करें तो सर्वप्रथम भाजपा ने शासन में आते ही पर्ची से मुख्यमंत्री बनाया, किन्तु उनकी प्रशासन पर पकड़ नहीं है और अनुभवहीनता के कारण प्रदेश को गहरी चोट शासन और प्रशासन पर लगी है। राजस्थान में मुख्यमंत्री बनते ही पूर्ववर्ती कांगे्रस सरकार की 800 जनकल्याणकारी निर्णयों की समीक्षा करने की बात कही गई थी, लेकिन एक भी कार्य की समीक्षा का परिणाम अभी तक सामने नहीं आया है, यह सरकार की पहली विफलता है।
उक्त विचार राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, जयपुर में आयोजित प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सरकार की दूसरी महत्वपूर्ण विफलता यह है कि भाजपा की सरकार का गठन होते ही वित्त विभाग से आदेश जारी हुआ जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन में दी गई वित्तीय स्वीकृति से कराये जा रहे काम रोक दिये जायें, जितने भी कार्य चालू हैं उन्हें रोका जाये और मूल्यांकन करने के पश्चात् अनुमति से ही वे कार्य जारी रहे। उन्होंने कहा कि इस परिपत्र का तात्पर्य और परिणाम यह रहा कि जो भी प्रदेश के विकास कार्य होने चाहिये थे, वे सभी भाजपा सरकार के इस आदेश से रोक दिये गये। उन्होंने कहा कि आज भी विकास कार्य होल्ड पर है, एक भी कार्य उनमें से शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि महिने-दो महिने किसी विकास कार्य को होल्ड पर रखकर समीक्षा की जा सकती थी, किन्तु 12 महिने तक विकास कार्यों को होल्ड पर रखना, वह तब जब सरकार दूसरा बजट पेश करेगी, ऐसे में पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा जारी वित्तीय स्वीकृतियों जिनमें कार्य आदेश भी जारी हो गये, उन्हें रोकना निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये थे, जबकि कानून-व्यवस्था को लेकर आज भाजपा के शासन में स्थिति यह है कि कानून-व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है, नाबालिक बच्चियों के साथ बलात्कार शर्मसार कर रहे हैं, अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्तियों पर अत्याचार हो रहे हैं, सभी तरह के माफिया हावी हैं, भू-माफिया, खनन् माफिया काबू में नहीं है। उन्होंने कहा कि खनन् माफिया, बजरी माफिया के कार्यों में भाजपा के नेता एवं जनप्रतिनिधि शामिल हैं और प्रश्रय दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट सत्र में यह मुद्दा उठाया जायेगा कि अवैध बजरी खनन् की खपत के लिये भाजपा विधायकों द्वारा सडक़ें स्वीकृत कराई जा रही है जिससे विधायकों अथवा विधायकों के चहेतों को लाभ पहुॅंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि युवाओं की समस्याओं को लेकर भाजपा ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाये थे, किन्तु भाजपा शासन में युवाओं को ना तो नौकरी मिल रही है और ना ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्र किया कि एक लाख नौकरियां साल में देने का वादा किया था, इस पर मुख्यमंत्री जवाब दें कि एक वर्ष के शासन में भाजपा सरकार ने भर्तियों की कितनी विज्ञप्तियां जारी की है और कितने पेपर कराये हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा बार-बार पेपर लीक रोकने की बात कहती है, लेकिन सच्चाई यह है कि इस सरकार ने कोई पेपर ही नहीं करवाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा पेपर लीक के दोषियों को पकडऩे पर वाहवाही लूटना चाहती है जबकि सच्चाई यह है कि पेपर लीक प्रकरण में सबसे पहले देश में कड़ा कानून राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बनाया था और पेपर लीक में शामिल सर्वाधिक अपराधियों को गिरफ्तार भी किया था, भाजपा शासन में तो केवल वे ही पकड़े गये हैं जिन्हें कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने अपराधी के रूप में चिन्हित कर लिया था और जो उक्त समय फरार चल रहे थे। उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती प्रकरण में भाजपा ने कुछ लोगों को चिन्हित कर पकड़ा, किन्तु परिणाम यह निकला कि सरकार के मंत्री इस कार्यवाही को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, आरोप लगा रहे थे, लेकिन 40 पकड़े गये, उनमें से 24 जमानत पर बाहर आकर बहाल हो गये। उन्होंने कहा कि भाजपा के समस्त दावे झूठे निकले। उन्होंने कहा कि आज छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है, अन्नपूर्णा रसोई योजना का नाम बदल दिया, किन्तु लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है।
डोटासरा ने कहा कि भाजपा ने शासन में आने के बाद बिजली के बिलों में फ्यूल चार्ज बढ़ाकर जनता पर बोझ डाला, नये कृषि एवं घरेलू कनेक्शनों में उपभोक्ताओं को कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई छूट बंद कर दी। उन्होंने कहा कि ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना बनाने का वादा खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था, उसका केवल नामकरण बदल दिया, जो वित्तीय स्वीकृति कांग्रेस सरकार ने जारी कर काम करवाया था, उसे ही अपने बजट में शामिल दिखाकर प्रधानमंत्री से दुबारा शिलान्यास करवा लिया, जबकि 80 प्रतिशत से अधिक निर्माण कार्य बांधों का कांग्रेस सरकार ने करवा दिया था। उन्होंने भाजपा से प्रश्र किया कि जिस ईआरसीपी का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया है उस योजना के लिये कितना रूपया केन्द्रीय बजट से मिला है क्या उस योजना के लिये प्रधानमंत्री ने कोई राशि की घोषणा की है क्या। उन्होंने कहा कि यमुना जल बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री ने अपने पोस्टर लगवाये और धन्यवाद लिया, स्वागत करवाये थे, क्या युमना का पानी प्रदेश में आ गया, जबकि चार माह में डीपीआर भरवाकर कार्य शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने विधानसभा में की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्र किया कि एक वर्ष पूर्ण हो गया किन्तु वह डीपीआर कहॉं है, जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक भी कर ली गई थी। उन्होंने कहा कि हद तो जब हो गई जब प्रधानमंत्री ने हनुमानगढ़, चूरू में नर्मदा का पानी आने की बात कही, जबकि नर्मदा का पानी वहॉं आ ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि 8500 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति सन् 2022 में वित्तीय प्रबंधन के साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जारी की थी, उसे दुबारा बजट में डालकर शेखावाटी में जल देने की वाहवाही भाजपा सरकार लेना चाहती है, जबकि सच्चाई कुछ और है। उन्होंने कहा कि झूठ लम्बे समय तक नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान में कहा था कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दाम हरियाणा के बराबर हो जायेंगे, किन्तु आज भी पेट्रोल-डीजल हरियाणा से 10 रूपये से अधिक प्रति लीटर मंहगा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर भाजपा के नेता आरोप लगाते थे, किन्तु आज भाजपा की अन्तर्कलह जगजाहिर है, मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, मंत्री और विधायक, विधायक और जनता के मध्य कैसे संबंध है, सबके सामने है। उन्होंने कहा कि राईजिंग राजस्थान के नाम पर केवल सेरसपाटे किये गये, जनता की गाढी कमाई का पैसा व्यर्थ व्यय किया। उन्होंने कहा कि एक भी एमओयू राजस्थान के हित में लेकर कोई उद्योगपति नहीं आया, बल्कि पहली शर्त राजस्थान से मुफ्त जमीन मांगने की रखी गई है कि जमीन मिली तो सोलर प्लांट लगा देंगे। उन्होंने कहा कि यह कोई प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने के काम नहीं है। उद्योगपति तो फ्री में जमीन लेने के लिये आये थे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भाजपा के कुछ नेताओं ने भी राजस्थान में मुफ्त अथवा सस्ती जमीन लेने की मंशा से रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जनता की सम्पदा को लुटने नहीं दिया जायेगा, विपक्ष सजग है और अपना दायित्व निभायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों के साथ भी बड़ा धोखा किया है, डीएपी खाद् मिली नहीं, गेहूॅं की खरीद 2700 रूपये एमएसपी देने का वादा नहीं निभाया, ऋण पर कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की ऋण नहीं चुकाने की आदत बन गई इसलिये उन्हें ऋण नहीं मिलना चाहिये। किसानों को केन्द्र सरकार ने दिल्ली बॉर्डर पर बैठकर आन्दोलन करने के लिये मजबूर किया, प्रधानमंत्री द्वारा माफी मांगकर उनसे समझौता करने के बावजूद वादा नहीं निभाया और आज किसान को उक्त लिखित समझौते के बारे में पूछने के लिये भी दिल्ली नहीं जाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में तो जो आदेश होता है उस पर यूटर्न लिया जाता है, पहले अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने के निर्णय लिया गया, किन्तु जनप्रतिनिधियों और जनता के दबाव में यह आदेश वापस हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में वर्तमान चिकित्सा मंत्री ने अपने क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खुलवाने के लिये पत्र लिखकर मांग की थी, यह पत्र आज भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि आज वही शिक्षा मंत्री इन स्कूलों को बंद करने की फिराक में है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती, स्टॉफिंग पैटर्न और कोई नवाचार, ट्रांसफर पोलिसी जैसा कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि नये गठित जिलों पर खूब बयानबाजी हुई, समीक्षा की बात भाजपा सरकार कर रही है, किन्तु इस कारण सारे प्रशासनिक फैसले सरकार के निर्णय के अभाव में रूके हुये हैं। उन्होंने कहा कि हद हो गई जब जातिगत दुर्भावना फैलाने का कार्य भी इस सरकार द्वारा किया जा रहा है, मुख्यमंत्री के ओएसडी जो सरकारी पद पर हैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सभा को लेकर सोशल मीडिया पर जाति विशेष का आभार जताते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 36 कौमों के लोग एकजुटता के साथ रहते हैं और विकास में सबका योगदान रहता है, इसलिये सरकारी पद पर बैठे व्यक्ति को जाति विशेष का नाम लेकर अन्य वर्गों से अलग करने का काम नहीं करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश आज बेहाल है, बेबस है और मुख्यमंत्री को प्रदेश की जनता को सम्भालना चाहिये। गोविन्द सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री राजस्थान को चुनौती देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री महोदय मीडिया के समक्ष जब चाहे अपनी उपलब्धियां लेकर उनके साथ बहस कर लें, कांग्रेस भाजपा सरकार की विफलताओं पर चुनौती प्रस्तुत करेगी, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा, जनता फैसला कर देगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में जनप्रतिनिधियों का अपमान हो रहा है, नगर निकायों, पंचायतों के चुनाव कराने की बजाए भाजपा सरकार प्रशासक द्वारा शासन चलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भरतपुर जो मुख्यमंत्री का गृह जिला है, वहॉं भी जिला प्रमुख का चुनाव नहीं करवाया जा रहा है, जबकि दावे बड़े-बड़े किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि भरतपुर में जिला प्रमुख का चुनाव हो जाये तो भाजपा की हार तय है, कांग्रेस की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिकांश समय कांग्रेस को कोसने में निकाल दिया, अब वक्त आ गया है कि भाजपा कांग्रेस को कोसने की बजाए अपने काम गिनाये।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुये नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सौ दिन की जो कार्य योजना सरकार ने बनाई थी, जिसका किसी को पता नहीं है, उस योजना पर कोई कार्य हुआ क्या। उन्होंने कहा कि सरकार ने कांग्रेस के निर्णयों की समीक्षा की बात की, कॉलेजों, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों, नये जिलों की समीक्षा की समिति बनी थी, लेकिन एक वर्ष बीतने पर भी किसी समिति की रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है। उन्होंने भाजपा सरकार से प्रश्न किया कि समीक्षा हेतु गठित किसी भी समिति की रिपोर्ट यदि आई हो और लागू हुई हो तो उसकी जानकारी सार्वजनिक की जाये। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी कार्य क्षमता दिखाने में विफल रही, जब गर्मी पड़ी तो सरकार के पास जनता को देने के लिये बिजली नहीं थी, पेयजल उपलब्ध कराने के लिये नहीं था और बरसात के समय पानी के निकासी के लिये कोई व्यवस्था भी नहीं कर पाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आपदा राहत का दौरा करते रहे, किन्तु आपदा राहत मंत्री उनके साथ नहीं थे। उन्होंने कहा कि फसल बुवाई के समय किसान को खाद् उपलब्ध नहीं करवा पाये। उन्होंने कहा कि अभी किसान सम्मेलन हुआ लेकिन उसमें कृषि मंत्री नहीं पहुॅंचे। उन्होंने कहा कि 12 हजार रूपये किसान सम्मान निधि देने की बात हुई थी, किन्तु केवल एक हजार रूपये बढ़ाकर किसान सम्मान निधि राजस्थान सरकार ने दी और दूसरी किश्त अभी हाल ही में जारी की। उन्होंने कहा कि गेहूॅं को 2700 रूपये के समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं पाये, ना ही बाजरे की एमएसपी पर कोई खरीद की। हरियाणा में पेट्रोल-डीजल के मूल्य के बराबर राजस्थान में पेट्रोल-डीजल का मूल्य नहीं कर पाये। उन्होंने कहा कि किस बात का भाजपा जश्र मना रही है, यह समझ से परे है। उन्होंने कहा क प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी बड़ी-बड़ी बातें राजस्थान सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर कर रहे हैं जबकि ना बुजुर्गों को, महिलाओं को, दिव्यांगों, परितक्त्याओं को, ना विधवा बहिनों को पेंशन दे रहे हैं, जबकि कांग्रेस सरकार के शासन में शुरू की गई पेंशन योजनाओं, मनरेगा में मिली मजदूरी और कांग्रेस शासन में जारी योजना के तहत् मिले राशन से गरीब का चूल्हा जलता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार सभी क्षेत्रों में पूर्णतया विफल रही है और एक प्रचलित शेर इस सरकार पर सटीक बैठता है कि कुर्सी है, तुम्हारा जनाजा तो नहीं है, कुछ कर नहीं सकते, तो उतर क्यों नहीं जाते, यह बात पूर्व में विधानसभा में भी कही थी। उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार है जिसमें पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जिस कार्य की वित्तीय स्वीकृति जारी हो जाये, कार्यदेश जारी हो जायें, टेंडर हो जाये और काम शुरू हो जाये, उसके बावजूद भी विकास कार्यों को रोक देती है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज अलग-अलग विभागों में जो भी निर्माण कार्य हो रहे हैं उन सबका पैसा रोका हुआ है, विकास कार्य ठप्प कर दिये हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर ऋण लेने पर भाजपा ने सवाल उठाये थे, किन्तु भाजपा की इस सरकार ने ऋण लेने में सभी रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर प्रश्र उठाये थे, किन्तु वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री का गृह जिला भरतपुर क्राईम में अव्वल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद गृहमंत्री भी हैं और गृह राज्यमंत्री भी इसी जिले से आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 प्रतिशत क्राईम बढ़ गया और महिलाओं, बच्चियों के साथ हो रहे अपराध 23 प्रतिशत बढ़ गये हैं। उन्होंने कहा कि अपराधों में अनुसंधान की दर भी घट रही है जो चिंता का विषय है और लचर कानून-व्यवस्था को दर्शाने वाली है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले में अन्य वाहन के घुसने से दुर्घटना हुई, उप राष्ट्रपति के काफिले में वाहन घुस गया, विधानसभा अध्यक्ष के काफिले में युवकों ने घुसकर रील बनाई, यह दर्शाता है कि सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि कैबीनेट मंत्रियों को अधिकारियों के पास काम के लिये जाना पड़ता है, सरकार के कैबीनेट मंत्रियों पर मुकद्में दर्ज हो रहे हैं और जनता की आवाज उठाने पर विपक्ष के नेताओं पर भी मुकद्में दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार के शासन में सरकार विरूद्ध आवाज उठाने की किसी को इजाजत नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के विरूद्ध आन्दोलन और आवाज उठाने के लिये कोई स्थान चिन्हित नहीं है जो दर्शाता है कि सरकार का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिये नौकरियां निकाली, उनमें भी अधिकांश संविदा पर होंगी। उन्होंने कहा कि संसद में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का अपमान किया गया, कहते हैं कि इतना नाम भगवान का लेते तो सात पीढिय़ों को स्वर्ग मिल जाता। उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री का यह वक्तव्य गलत है, क्योंकि वे भी बाबा साहेब द्वारा बनाये गये संविधान के तहत् ही शपथ लेकर पद है। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं को दुरूपयोग कर लोगों डराया, धमकाया जा रहा है, जिन बच्चों ने श्री राहुल गॉंधी को अपनी गुल्लक सौंपी, उनके माता-पिता को डराया, धमकाया गया और उन्होंने आत्महत्या कर ली। इसी प्रकार राजस्थान में बारां में कांग्रेस कार्यकर्ता को प्रताडि़त किया गया जिससे उसने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि जिस भाजपा विधायक अनीता भदेल ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाये उसकी जॉंच भी भाजपा सरकार ने नहीं कराई। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और मंत्री अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं जबकि उनका कत्र्तव्य है कि जनता के कार्य करें, विकास के कार्य करें। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूर्णतया नकारा रहा है।
इस अवसर पर विधायक रोहित बोहरा ने कहा कि राईजिंग राजस्थान के माध्यम से हुये एमओयू से राजस्थान सरकार के कोष में किसी प्रकार का कोई इजाफा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि राईजिंग राजस्थान से प्रदेश में मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर में बढ़ोत्तरी नहीं होगी, ना प्रदेश के युवाओं के लिये नौकरियां सृजित होगी। उन्होंने कहा कि जानकारी के मुताबिक यूएई के सोवरेन फण्ड का पैसा आना है जिसके लिये ही यह समिट आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि राईजिंग राजस्थान में हुये एमओयू के द्वारा प्रदेश की केवल जमीन जायेगी, कोई लाभ नहीं मिलेगा, और तो और बिजली भी नहीं मिलेगी, राजस्थान में उत्पन्न बिजली को भी प्रदेश सरकार को खरीदना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा राईजिंग राजस्थान का आयोजन करने का उद्देश्य से समझ से परे है क्योंकि इससे कोई लाभ प्राप्त नहीं होने वाला है।
इस अवसर पर भाजपा की प्रदेश सरकार की विफलतायें दर्शाने वाली एक शॉर्ट वीडियो फिल्म भी जारी की गई तथा पत्रक जारी हुआ।