बेकरार करके हमें यूं ना जाइए ‘सप्तक कार्यक्रम के तराने पर झूम उठे संगीत प्रेमी !
जयपुर। सन 1946 से 1975 की दौर की प्रशंसित फिल्मों के चुनिंदा हिट गीतों से रूबरू करवाने के उद्देश्य से रोटरी क्लब जयपुर ने बेकरार करके हमें यूं ना जाइए सप्तक कार्यक्रम रोटरी सभागार में आयोजित करने की पहल की ।
कार्यक्रम निर्देशक सुरेंद्र जैन पारस ने बताया इसमें कुंदनलाल सहगल, सुरेंद्र ,सुरैया ,नूरजहां, शमशाद बेगम ,हेमंत कुमार, एसडी बर्मन के उम्दा गायन एवं संगीत से सिनेमा जगत में अलग ही पहचान थी। उनके नगमों को अनूठे अंदाज में स्वरांजलि पेश की ।
इस मौके पर कुंदन लाल सहगल द्वारा गया गीत जब दिल ही टूट गया (1946) को डॉक्टर रवीन्द्र भारती ने गाकर समां बांध दिया। अमिता अग्रवाल ने जवां है मोहब्बत हंसी है जमाना (1946) विवेक उपाध्याय ने बेकरार करके हमें यूं न जाइए ,ना तुम हमें जानो(1962) मनोज मामनानी ने फिर वही शाम वही गम तन्हाई , सुरेंद्र जैन पारस ने ए मेरी जोहरा जबी (1965)श्रीकृष्ण शर्मा ने गजरा गिर गया जमुना जल में ,राजा रहमान ने जब जब बहार आई, वाई के शर्मा ने मेरे साजन है उस पार (1963)मनोज जांगिड़ ने नीले गगन के तले (1967)और रेशमा खान आदि ने सुपरहिट गीत प्रस्तुत करके समां बांध दिया।कार्यक्रम का संयोजन प्रदीप सिंह राजावत ने किया ।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष रोटेरियन गिरधर माहेश्वरी ने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजनपर बल देते हुए कहा की बदलती हुई तकनीक और ग्लोबल प्रभाव ने भारतीय सिनेमा का चेहरा बदला है। सामाजिक जीवन और संस्कृति के तत्वों को सिनेमा में सम्मिलित किया है ।जिसे आज की पीढ़ी को रूबरू करवाना ही उद्देश्य है। सप्तक कार्यक्रम का संचालन शिल्पा बेंद्रे ने किया।