लोकतंत्र खत्म, तानाशाही शुरू: राहुल

महंगाई, बेरोजगारी और खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी लगाने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन शुरू होने से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत में लोकतंत्र की मौत हो गई है और तानाशाही बहाल हो गई है। उन्होंने कहा कि विरोध को दबाया जा रहा है और लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। राहुल ने यह भी कहा कि देश की सारी संस्थाओं पर आरएसएस का कब्जा हो गया है। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के निष्पक्ष नहीं रह जाने की वजह से विपक्ष के विरोध का असर नहीं हो रहा है।

राहुल गांधी ने शुक्रवार की सुबह अपनी प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा- क्या आप तानाशाही का मजा ले रहे हैं, यहां रोज लोकतंत्र की हत्या हो रही है। इस सरकार ने आठ साल में लोकतंत्र को बरबाद कर दिया। बाजू पर काली पट्टी बांध कर प्रेस कांफ्रेंस करने पहुंचे राहुल गांधी ने देश की मीडिया, न्यायिक ढांचा, चुनावी तंत्र जैसी संस्थाओं के दम पर विपक्ष खड़ा होता है, लेकिन देश में हर संस्था में आरएसएस का आदमी बैठा है। वह सरकार के कंट्रोल में है। उन्होंने कहा- जब हमारी सरकार होती थी तब संस्थाएं निष्पक्ष होती थीं। हम उसमें दखल नहीं देते थे। आज यह सरकार के साथ है। कोई विरोध करता है तो उसके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां लगा दी जाती हैं।

राहुल ने लोकतंत्र समाप्त होने का दावा करते हुए पत्रकारों से सवालिया लहजे में कहा- लोकतंत्र की जो मौत हुई, उससे आपको कैसा लग रहा है? जिस लोकतंत्र को 70 सालों में एक-एक ईंट जोड़ कर बनाया गया, उसे आठ साल में खत्म कर दिया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कहा- मेरी दिक्कत ये है कि मैं सच्चाई बोलूंगा, महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाने का काम करूंगा। जो डरता है, वो धमकाता है। जो आज देश की हालत है उससे डरते हैं, जो उन्होंने पूरे नहीं किए, महंगाई और बेरोजगारी से डरते हैं। जनता की शक्ति से डरते हैं, क्योंकि ये 24 घंटा झूठ बोलते हैं।

राहुल ने कहा- मेरा काम आरएसएस के विचार का विरोध करना है। मैं यह करूंगा। मैं यह जितना करूंगा, उतना ही मेरे ऊपर आक्रमण होगा। उन्होंने जोर देकर कहा- ये लोग गांधी परिवार पर हमला करते हैं क्योंकि हम विचारधारा के लिए लड़ते हैं, सांप्रदायिक सौहार्द के लिए लड़ते हैं। मेरे परिवार ने जान दी है…जब देश को हिंदू-मुसलमान में बांटा जाता है तो हमें दर्द होता है, जब किसी दलित और महिला को पीटा जाता है तो हमें दर्द होता है। उन्होंने दावा किया कि आज देश की कोई संस्था स्वतंत्र नहीं है। वह आरएसएस-भाजपा के कब्जे में है। हर संस्था में आरएसएस का एक व्यक्ति बैठा हुआ है।

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