कांग्रेस ने सचिन पायलट को राजस्थान से किया दूर, छत्तीसगढ़ का बनाया प्रभारी
तीन राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने अपने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। जहां सुखजिंदर रंधावा को राजस्थान प्रभारी ही रहने दिया है। वही दूसरी तरफ सचिन पायलट को राजस्थान से दूर कर छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया है। वही इससे पहले कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को राष्ट्रीय गठबंधन समिति का सदस्य बनाया था।
वहीं दूसरी तरफ जितेंद्र सिंह को असम के साथ मध्यप्रदेश और हरिश चौधरी को उनके पंजाब के प्रभारी पद से मुक्त कर दिया है। यह बड़ा फेरबदल कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर रखकर भी किए है। जिससे वह हार के समीकरण को समझकर उनपर काम कर सके।
वहीं सचिन पायलट को राजस्थान से दूर कर पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की अगर कोई नेता पार्टी की रणनीति के विमुख जाता हुआ दिखेगा तो उसे पार्टी जरूर रास्ता दिखाएगी। वही हरीश चौधरी हनुमान बेनीवाल की पार्टी को गहलोत के जरिए प्रायोजित पार्टी कहा करते थे, जबकि रघु शर्मा कई मौकों पर गहलोत की बात काटते हुए दिखाई दिए हैं।
गहलोत-पायलट हुए एडजस्ट
इन नियुक्तियों के बाद यह देखने के मिला है कि राजस्थान में हुई कांग्रेस ने अपनी हार जिम्मा इन दोनों नेताओं को माना है। जिसकी वजह से उन्होंने अपने दोनों बड़ें नेताओं को एडजस्ट कर दिया है। वहीं कयास है कि अब पंजाब के प्रभारी से मुक्त हुए हरीश चौधरी राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष की रेस का चेहरा बन सकते हैं। उनकी जगह देवेंद्र यादव को पंजाब का प्रभारी बनाया गया है, जबकि हरीश चौधरी राजस्थान बाड़मेर जिले से आते हैं। माना जा रहा है कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष की संभावनाएं अधर में
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि सरकार रिपीट होगी।लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। राजस्थान कांग्रेस गुटों में बंटी हुई है। गहलोत गुट और पायलट गुट। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दोनों गुटों को साधने की कोशिश की है। दोनों ही नेताओं को राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में किसी नेता चेहरे को नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।