सीएम खुद आईटी मंत्री और गृहमंत्री हैं। वो बताएं कि योजना भवन में पाई गई नकदी और सोना किसका है, और कहां से आया है: सीपी जोशी

जयपुर। भाजपा प्रदेश कार्यालय में गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार को लेेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया।

प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि प्रदेश में हो रहे बेतहाशा भ्रष्टाचार की बानगी यह है, कि योजना भवन में करोडो रूपए कैश और सोने के बिस्किट पाए जाते हैं। सचिवालय भवन में इतनी नकदी और सोना मिलना देश में भ्रष्टाचार की सबसे बडी घटना है। इस दौरान सीपी जोशी ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार अधिकारी वेदप्रकाश यादव को महज एक मोहरा बताते हुए कहा, कि इस अधिकारी को इतने लंबे समय से सरकारी संरक्षण कैसे मिल रहा था इसकी जांच हो। सरकार पर आरोप लगाते हुए सीपी जोशी ने कहा कि अभी भ्रष्टाचार के मुख्य गुनहगार गिरफ्त से बाहर हैं।
प्रदेश में रीट पेपर लीक, खान आंवटन, आरसीए में जीएसटी चोरी सहित यूडीएच में व्याप्त घोटालों का हवाला देते हुए उन्होने कहा कि आरपीएससी में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए केवल आरपीएससी के एक सदस्य पर कार्रवाई कर सरकार खानापूर्ति कर रही है। यदि पेपर लीक मामलो की तह में जाकर जांच हो तो इससे जुडे अन्य आरोपियों का खुलासा होगा।

प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के गौरवपूर्ण नौ साल पूरे होने पर 31 मई को अजमेर में प्रधानमंत्री मोदी जी विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके अलावा प्रदेशाध्यक्ष जोशी ने कहा कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आगामी माह में 7 जून को जबरदस्त प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें जयपुर शहर एवं जयपुर जिलें के सभी कार्यकर्ता एकत्रित होकर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।

प्रेसवार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष राजेंन्द्र राठौड ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए साढे चार साल में मुख्य चार बडे घोटालों की बात कही। उन्होने कहा कि बजट घोषणा में आईटी क्षेत्र का बजट समस्त बजट का पांच प्रतिशत था। जिसमें ड्रोन खरीद, अभय कमांड केंद्र सहित एक करोड पैंतीस लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन देने की घोषणा भी शामिल थी।
महिलाओं को स्मार्टफोन देने वाली घोषणा के संबंध में नेता प्रतिपक्ष राठौड ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अपनी चहेती बीमा कंपनी नहीं मिलने के चलते यह फोन गत वर्ष नहीं खरीदे गए, क्योंकि जिन कंपनियों से सरकार का कमीशन फिक्स था एैसी कंपनियां नहीं मिलने के कारण यह खरीद टल गई। इस वर्ष करीब 21 हजार करोड के स्मार्टफोन खरीदे जाएंगे।

योजना भवन में मिले 2 करोड 31 लाख की नकदी और सोने के मामले को आईटी उपकरण खरीद से जोडकर राठौड ने बताया कि जो अधिकारी योजना भवन में नकदी और सोना रखने के मामले में पकडा गया है, वह भी खरीद समिति का सदस्य है। उन्होने संयुक्त निदेशक से लेकर एसीएस और मुख्यमंत्री तक जुडी इस चेन को भ्रष्टाचार का मुख्य आरोपी बताया। योजना भवन में मिले सोने के बिस्किट के संबंध में आरेाप लगाते हुए राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि इतना सोना यहां तक कैसे पहुंचा किस रूट से यह सोना योजना भवन में आया। गहलोत सरकार पर सोने की स्मैगलिंग का आरोप लगाते हुए इसकी जांच एनआईए ईडी से कराने की मांग की। उन्होने गहलोत पर सीधा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यदि गहलोत सरकार पाक साफ है तो आईटी के लिए जारी किए गए सभी टेंडर रद्द करके दिखाए।

प्रदेश की गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार को संस्थागत और संगठित भ्रष्टाचार बताते हुए उन्होने पोषाहार, जल जीवन मिशन, बिजली कनेक्शन देने सहित किसानों को बिजली के ट्रांसफॉर्मर देने में हो रहे भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इस दौरान राठौड ने यूथ कांग्रेस के ऑनलाईन चुनावों में हुई गडबडी का जिक्र करते हुए कहा कि जो पैसा प्रत्येक वोट के साथ भेजा जाना था वह नहीं भेजा गया, जिसके चलते 60 फीसदी वोट रिजेक्ट हो गए।

राजेंन्द्र राठौड ने कहा कि गत वर्ष 14 हजार करोड की बिजली खरीदी गई थी, जिसमें सरकार ने अपने थर्मल प्लंाट बंद कर दिए जिनसे हमें प्रति यूनिट 4 रूपए 31 पैसे की बिजली मिलती थी उसे छोडकर 17 रूपए प्रति यूनिट में बिजली खरीदी। इस संबंध में जब विधानसभा में भाजपा ने विरोध किया तो अगले साल वही बिजली 12 रूपए में खरीदी गई। इसी तरह कोयला खरीद में घोटाला करते हुए अडानी समूह से 1042 करोड का 5.79 मीट्रिक टन कोयला 18 हजार रूपए प्रति मीट्रिक टन की लागत से खरीदा, फिर वही 3.38 लाख मीट्रिक टन कोयला 15 हजार रूपए प्रति मीट्रिक टन की लागत से खरीद की तैयारी हो रही है। दोनों खरीद दरों में तीन हजार रूपए प्रति मीट्रिक टन का अंतर भ्रष्टाचार का नमूना है।

राज्यसभा सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाजपा को भूखा भेडिया बताने वाले बयान को ओछा और बचकाना बयान बताया। इस दौरान उन्होेने प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार से जुडे विभिन्न घोटालों के बारे में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए आईटी क्षे़त्र में हजारों करोड के घोटालों से जुडे तथ्य प्रस्तुत किए जिसमें ब्लेक लिस्टेड कंपनियों द्वारा आईटी उपकरण खरीद जिनमें एंपलीफायर, एसी, स्टेबलाईजर, वीडियो वॉल मैनेजमेंट के टेंडर, सर्वे और विजिट के नाम पर अधिकारियों द्वारा टीए डीए के फर्जी बिल उठाने, टोंक रसद अधिकारी के भ्रष्टाचार का मामला और उदयपुर में पॉश मशीनें खरीद घोटाले का आरोप लगाया।

डॉ. मीणा ने घोटालों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में लगी जनहित याचिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि राजकोष को हानि पहुंचाने के संबंध में एसीबी ने कई बार गहलोत सरकार से अनुमति मांगी लेकिन सरकार ने इसे पूरी तरह अस्वीकार कर दिया। इससे स्पष्ट है, कि सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।

इसके अलावा पॉश मशीन खरीद मामले में आरोप लगाते हुए कहा कि, चीन से 135 करोड की पॉश मशीनें खरीदी गई। जिसके लिए भारत सरकार से अनुमति लिए बिना ही यह खरीद कर ली गई। गहलोत सरकार द्वारा किए गए घोटालों के संबंध में उन्होने इन सभी घोटालों की जांच एनआईए या ईडी से कराने की मांग की।

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