मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया राजस्थान की चिरंजीवी योजना देशभर में करें लागू
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आदिवासी शहीदों को नमन करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता में आदिवासियों का बड़ा योगदान रहा है। उनका संघर्ष अकल्पनीय रहा है। यही वजह है कि मेवाड़-वागड की धरती और मानगढ़ धाम का गौरवशाली इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। यहां के इतिहास की जितनी खोज की जाए, उतनी नई कहानियां मिलेंगी। उन्होंने कहा कि आजादी में गोविंद गुरू की महत्वपूर्ण भूमिका को भारतीय कभी भी भूल नहीं सकते हैं। उन्होंने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देने की भी मांग की।
गहलोत मंगलवार को मानगढ़ धाम में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत धूली वंदना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में गहलोत ने कहा कि आदिवासियों ने आजादी के लिए जिस तरह से अंग्रेजों से लोहा लिया, वह हमारे देश का महान इतिहास है। पूरे देश में जिस तरह से जलियांवाला बाग की पहचान बनी है, उसी तरह मानगढ़ की तपोभूमि को पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ के आदिवासियों ने गुलामी की जंजीरों से मुक्त होने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। अन्य राज्यों में भी आदिवासियों का आजादी की जंग में बड़ा योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत हैं। इसी से ही विश्व में भारतीयों का हमेशा सम्मान होता रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सानिध्य में देश ने आजादी की जंग लड़ी, पंडित जवाहरलाल नेहरू 10 वर्ष तक जेल में रहे तथा डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान लिखा, उसी से हम प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों की शिक्षा के लिए बांसवाड़ा में जनजाति विश्वविद्यालय खोला गया है। साथ ही, प्रदेशभर में शिक्षा क्षेत्र में अनेक विकास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में भी राजस्थान अन्य राज्यों की तुलना में आगे निकल गया है।
राजस्थान की चिरंजीवी योजना देशभर में करें लागू
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राज्य सरकार द्वारा हर यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज के लिए ‘मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना‘ शुरू की है। इस जनकल्याणकारी योजना का अध्ययन कराकर पूरे देश में लागू किया जाए, ताकि हर वर्ग को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
बांसवाड़ा को रेलमार्ग से जोड़ा जाए
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बांसवाड़ा को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए रेल मंत्रालय को 250 करोड़ रूपये राशि उपलब्ध कराई गई और भूमि भी चिन्हित कर ली गई। इसके बावजूद कार्य नहीं हो पाया है। इस कार्य को शीघ्र पूरा कराया जाए, ताकि आस्था और भक्ति के प्रमुख केंद्र पर लोगों का आवागमन सुगम हो सके।
मुख्यमंत्री ने सभास्थल से पहले शहीद स्मारक पर श्रद्धासुमन अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मानगढ़ धूली की भी वंदना की।
इस दौरान मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, अर्जुन राम मेघवाल, जल संसाधन मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया, सांसद कनकमल कटारा, सी.पी. जोशी, श्रीमती जसकौर मीना, अर्जुनलाल मीणा, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित मानगढ़ धाम के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित रहे।