राजस्थान में महंगे डीजल-पेट्रोल के लिए केंद्र की भाजपा सरकार जिम्मेदार : कांग्रेस
जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री हरदीप पुरी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि देश में पेट्रोल एवं डीजल के बढ़ते दामों के लिए केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियां जिम्मेदार है। भाजपा के नेताओं को मध्य प्रदेश में मंहगा पेट्रोल नहीं दिखता, किन्तु पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के लिए राजस्थान सरकार पर तथ्यहीन आरोप लगा रहे हैं।
कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहाकि यूपीए शासन के दौरान डीजल पर 3.56 रूपए तथा पेट्रोल 9.48 रूपए एक्साईज ड्यूटी लगती थी, क्रूड के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुॅंच गए थे, फिर भी आज की दर से पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही काफी सस्ते थे, जबकि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम भाजपा की केन्द्र सरकार के शासन के दौरान अत्यधिक कम रहे है। लेकिन, केन्द्र सरकार ने एक्साईज ड्यटी के अलावा स्पेशल एक्साईज, एडिशनल एक्साईज व सेस लगाकर पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी की एवं 21 लाख करोड़ रूपए का मुनाफा केन्द्र सरकार का प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में उज्जवला लाभार्थियों को राजस्थान सरकार ने 500 रूपए में गैस सिलेंडर देकर अनूठी पहल की है, केन्द्र सरकार जवाब दे कि पूरे देश में गरीब परिवारों को रूपए 500 में सिलेंडर क्यों नहीं दिया जा रहा है? उन्होंने कहा कि सर्वविदित है कि केन्द्र सरकार पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी के लिए अन्तर्राष्ट्रीय बाजार को जिम्मेदार ठहराती है जबकि चुनावों के वक्त इनके दामों को स्थिर रखा जाता है।
चतुर्वेदी ने कहा कि 75 प्रतिशत उज्जवला लाभार्थियों ने दूसरी दफा गैस सिलेंडर मंहगा होने के कारण नहीं भरवाया जबकि राजस्थान सरकार के प्रयासों के कारण अब गृहणियां सिलेंडर का उपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ही नहीं बल्कि सभी पूर्ववर्ती सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर वेट लगाया है, यदि केन्द्र सरकार दाम कम करे तो उससे अधिक दामों में कमी राजस्थान में होती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय एक मात्र राजस्थान सरकार थी जिसने वेट कम किया था, किन्तु केन्द्र सरकार ने उस वक्त भी पेट्रोल-डीजल के दामों में स्पेशल एक्साईज लगाकर बढ़ोत्तरी की थी।