चुनाव से पहले भाजपा के जुगाड
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए एक-एक सीट पर काम कर रही है। पंजाब की पटियाला सीट जीतने के लिए कैप्टेन अमरिंदर सिंह को भाजपा में शामिल कराया। ऐसे ही साउथ गोवा सीट के लिए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को भाजपा में शामिल कराया गया। जाहिर है भाजपा चुनाव से पहले तोड़-फोड़ और गठबंधन दोनों की तैयारियों में है। वह छोटी छोटी पार्टियों के साथ तालमेल कर रही है। कांग्रेस व दूसरी प्रादेशिक पार्टियों के ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करा रही है, जो अपने अपने क्षेत्र में मजबूत नेता हैं। यह भी खबर है कि भाजपा अपनी पुरानी सहयोगी पार्टियों के गिले शिकवे भूलवा कर उन्हे एनडीए में लौटने की कोशिश कर रही है।
जैसे बिहार है। वह अपनी दो पुरानी सहयोगी पार्टियों- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी के संपर्क में है। हालांकि विकासशील इंसान पार्टी के विधायकों को अपनी पार्टी में मिला कर भाजपा ने उसे ऐसा जख्म दिया है कि उसके नेता मुकेश साहनी अभी बिल्कुल हाथ नहीं रखने दे रहे हैं। उधर जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तान अवाम मोर्चा इस समय सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ है। फिर भी भाजपा दोनों पार्टियों के संपर्क में है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भाजपा एक बार फिर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से तालमेल की संभावना देख रही है। विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी का तालमेल समाजवादी पार्टी से किया था। अब वे सपा से अलग हो गए हैं। इसलिए संभव है कि वे एनडीए में लौटें। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का तालमेल भी भाजपा से संभव है। ऐसे ही झारखंड में भाजपा ने साथ छोड़ गई पुरानी सहयोगी आजसू से फिर से तालमेल किया है। कांग्रेस के कई नेताओं पर उसकी नजर है, जिनको चुनाव से पहले भाजपा में शामिल कराया जा सकता है। उधर पंजाब में अकाली दल के साथ भाजपा के फिर तालमेल होने के कयास है। सुखबीर बादल की अमित शाह से मुलाकात के बाद इसकी चर्चा जोर पकड़ रही है। तमिलनाडु में अन्ना डीएमके और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ भाजपा तालमेल कर सकती है। महाराष्ट्र में शिव सेना के एकनाथ शिंदे गुट को भाजपा अपने साथ जोड़े रखेगी। उत्तर प्रदेश में भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की मदद मिली थी। लोकसभा चुनाव में भी उससे भाजपा को वैसी उम्मीद रहेगी।