‘इंडिया’ पर भाजपा के बेतुके जुमले

जब से विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने बेंगलुरू की बैठक में ‘इंडिया’ नाम तय किया है तब से भाजपा के नेता इसका विरोध करने के लिए किसी आकर्षक जुमले की तलाश में हैं। एक से एक जुमले आजमाए जा रहे हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि किसी में मजा नहीं आ रहा है। तभी एक को छोड़ कर दूसरा और दूसरे को छोड़ कर तीसरा जुमला आजमाया जा रहा है। भाजपा का आईटी सेल और सोशल मीडिया में उसके लिए लड़ने वाले दूसरे योद्धा अपने स्तर पर यह काम कर रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने स्तर पर यह काम कर रहे हैं। कह सकते हैं कि सबसे ज्यादा गंभीरता से प्रधानमंत्री ही नया जुमला गढ़ने में लगे हैं क्योंकि अंततः विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के खिलाफ सबसे ज्यादा भाषण उन्हीं को देना है।

प्रधानमंत्री का नया जुमला ‘क्विट इंडिया’ का है। उन्होंने रविवार को 508 स्टेशनों के री डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हुए अपने भाषण में विपक्ष के ऊपर हमला किया और कहा कि अब देश के लोग चाहते हैं कि बुराइयां क्विट इंडिया करे। इसमें मुश्किल यह है कि 1942 के आंदोलन के क्विट इंडिया मूवमेंट का लोकप्रिय नारा अंग्रेजों भारत छोड़ो था। अब अगर भाजपा अपने को भारत का प्रतिनिधि बताए तो विपक्ष की ओर से बुराइयां भारत छोड़ो का नारा भी दिया जा सकता है। इसलिए लग नहीं रहा है कि यह जुमला ज्यादा दिन चलेगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने जो जुमले गढ़े थे उसमें सबसे पहले उन्होंने कहा कि भारत को लूटने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी में भी इंडिया था। उन्होंने विपक्षी गठबंधन की तुलना आतंकवादी संगठनों के साथ करते हुए भाजपा संसदीय दल की बैठक में कहा था कि इंडियन मुजाहिदीन और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम में भी इंडिया है। जब विपक्ष की ओर से कहा गया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी में भी इंडिया है और प्रधानमंत्री मोदी की चलाई दर्जनों योजनाओं जैसे मेक इन इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया आदि में भी इंडिया तो तत्काल इस जुमले को ड्रॉप कर दिया गया। उसके बाद प्रधानमंत्री ने नया जुमला गढ़ा कि ‘इंडिया’ नहीं ये ‘घमंडिया’ हैं। लगता है कि यह भी नहीं जंचा तभी क्विट इंडिया वाला जुमला उन्होंने बोला है।

बहरहाल, बेंगलुरू की बैठक के बाद भाजपा की ओर से सबसे पहले जो नैरेटिव बनाया गया या जुमला गढ़ा गया वह इंडिया बनाम भारत का था। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने ट्विटर बायो में इंडिया हटा कर भारत लिख दिया। उसके बाद एक दो दिन तक यह चलता रहा कि तुम इंडिया वाले और हम भारत वाले। यह बताया जाने लगा कि इंडिया में क्या है और भारत में क्या क्या है। कुछ लोगों ने तो संविधान से ‘इंडिया दैज इज भारत’ वाली लाइन हटाने तक का सुझाव दे दिया। विपक्षी गठबंधन के इस नाम को हाई कोर्ट में चुनौती अलग दी गई है, जिस पर अदालत ने नोटिस भी जारी किया है।

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