आयोगों और सरकार में रिटायर्ड अफसरों को नियुक्ति दिए जाने से भाजपा कार्यकर्ता हुए निराश

जयपुर। राजस्थान सरकार के अधीन विभिन्न आयोगों, बोर्ड- कॉरपोरेशन और सरकार में विभिन्न पदों पर रिटायर्ड सरकारी अफसरों को नियुक्ति दिए जाने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है। ये कार्यकर्ता समूह में अथवा व्यक्तिगत बातचीत में अपना दर्द बयां कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर रिटायर्ड अफसरों को ही महत्वपूर्ण पदों से नावाजा जाना है तो फिर कार्यकर्ताओं को चुनाव में क्यों झोंका जाता है।

ताजा मामला हाल ही राज्य सूचना आयोग में की गई मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर है। राज्य की भजन लाल सरकार ने सूचना आयोग में काम कर रहे रिटायर्ड डीजीपी एम.एल. लाठर को मुख्य सूचना आयुक्त और राजस्थान प्रशासनिक सेवा फिर भारतीय प्रशासनिक सेवा में अफसर रहे महेंद्र पारख को सूचना आयुक्त बनाया है। इसी तरह रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को राज्य मानवाधिकार आयोग में सदस्य बनाया गयाा है।

प्रदेश कार्य समिति में सदस्य रह चुके एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने जग जाहिर को बताया कि क्या भाजपा में आरटीआई एक्टिविस्ट और ऐसे कार्यकर्ताओं का अभाव है, जिन्हें आरटीआई के बारे में भी जानकारी ना हो। ऐसे अनेक वरिष्ठ कार्यकर्ता भरे पड़े हैं। उन्हें मौका दिया जाना चाहिए था। जबकि मुख्य सूचना आयुक्त एम. एल. लाठर को तो कांग्रेस खासकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत का काफी करीबी माना जाता है। ऐसी नियुक्तियों से भाजपा कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटना स्वाभाविक है।

भाजपा कार्यकर्ताओं का सबसे बड़ा दर्द यह है कि पार्टी की सरकार बने हुए 6 माह से ज्यादा समय हो गया है। अभी तक अनेक ऐसे बोर्ड-कॉरपोरेशन खाली पड़े हैं जिनमें नियुक्तियां नहीं हुई हैंं। जबकि मंडी, जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति, बोर्ड-कॉरपोरेशनों समेत अनेक ऐसे पद खाली पड़े हैं जिन पर कम से कम 25-30 हजार पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया जा सकता है। इससे पार्टी के प्रति सकारात्मक माहौल भी बनेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *