कांग्रेस ने सत्ता के लिए जिसका चेहरा आगे किया, उसको बाद में नाकारा निकम्मा और गद्दार कहकर अलग थलग किया : सीपी जोशी
– भाजपा ने गुर्जर समाज को केंद्र और प्रदेश में सत्ता एवं संगठन, दोनों जगह उचित प्रतिनिधित्व दिया
जयपुर । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने आज तोतुका भवन में गुर्जर समाज के आभार और अभिनंदन कार्यक्रम में सम्मिलित होकर समाज के व्यक्तियों और जन प्रतिनिधियों से संवाद किया तथा पत्रकारों से बात की। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने गुर्जर समाज को केंद्र और प्रदेश में सत्ता एवं संगठन, दोनों जगह उचित प्रतिनिधित्व दिया। गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का कमल के फूल पर ही उदय हुआ था, जिनकी 1111 वीं जयंती पर जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी पर आज़ादी के बाद नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो उन्हें नमन करने आए। उससे पूर्व वहां भाजपा शासन में ही पैनोरमा बना तथा विकास कार्य हुए। मैं आशा करता हूं जैसा सहयोग गुर्जर समाज का भारतीय जनता पार्टी को आज तक प्राप्त हुआ, 2023 के चुनाव में भी वही समर्थन प्राप्त होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री के आज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह उनकी घबराहट और अपने विधायकों को जैसे तैसे जोड़े रखने की कवायद मात्र है। अब तक हुए इनके आंतरिक सर्वे ने इनकी नींदें उड़ा दी है। इनका कुनबा टूट चुका है, इनका साथ छोड़ रहा है। सरकार ने अपने कुनबे को साथ रखने के लिए उनके फोन टेप कराए, पर वो कब तक। इनका जहाज डूबने वाला है। इसलिए कुनबे के लोग छोड़ छोड़ कर जा रहे हैं।
भाजपा ने कभी किसी समाज के नेता को केवल चुनाव में इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता के लिए जिसका चेहरा आगे किया, उनको बाद में नाकारा, निकम्मा और गद्दार कहकर अलग थलग कर दिया। जो ऐसा करते हैं या कहते हैं वे समाज का सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं।
कार्यक्रम में महंत हेमराज पोसवाल, टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर, महापौर सौम्या गुर्जर, गुर्जर आरक्षण समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला, पूर्व मंत्री हेमसिंह बढ़ाना, पूर्व विधायक कालू लाल गुर्जर, अनिता गुर्जर, ओबीसी मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश बढ़ाना, प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर, भाजयुमो अध्यक्ष अंकित चेची, पूर्व महापौर शील धाबाई, रामलाल गुर्जर एवं समाज के अन्य नेताओं ने सम्बोधित किया तथा उपस्थित रहे।