कॉमर्शियल कोर्ट का बड़ा फैसला : आईएएस प्रवीण गुप्ता को तीन माह की सिविल जेल की सजा

जयपुर। राजस्थान में एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में, कॉमर्शियल कोर्ट ने आईएएस अधिकारी प्रवीण गुप्ता को तीन महीने की सिविल जेल की सजा सुनाई है। प्रवीण गुप्ता वर्तमान में सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के पद पर कार्यरत हैं। कॉमर्शियल कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने नागौर मुकुंदगढ़ हाईवे प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर एक आवेदन पर यह आदेश दिया है।

कंपनी ने अदालत में एक निष्पादन याचिका दायर की थी, जिसमें उसके पक्ष में पारित अवार्ड राशि के भुगतान की मांग की गई थी। कंपनी को नागौर में पांच सड़कों के निर्माण का काम सौंपा गया था। समय से पहले निर्माण पूरा करने पर, कंपनी को विशेष बोनस मिलना था। आर्बिट्रेशन के माध्यम से, कंपनी को 119 करोड़ रुपये का अवार्ड दिया गया था। ब्याज सहित, अब यह राशि लगभग 220 करोड़ रुपये हो गई है।

राज्य सरकार इस मामले में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी हार चुकी है। अवार्ड राशि का भुगतान न करने पर, कॉमर्शियल कोर्ट ने प्रवीण गुप्ता को उनकी नागरिक संपत्तियों की सूची और हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। जब गुप्ता ने ऐसा नहीं किया, तो अदालत ने उन्हें सिविल जेल की सजा सुनाई और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

इस फैसले से राज्य प्रशासन में खलबली मच गई है। एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को जेल की सजा सुनाया जाना दुर्लभ घटना है। यह मामला दिखाता है कि अदालतें सरकारी अधिकारियों द्वारा भी कानून की अवहेलना को बर्दाश्त नहीं करेंगी।

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