भजनलाल सरकार आमजन को सुरक्षित माहौल देने के लिए ले रही है कड़े फैसले अपराध पर नजर रखने के लिए मॉनिटरिंग बढ़ाई जयपुर पुलिस ने ‘नज़र’ सिटीजन एप्लीकेशन किया लॉन्च ।
जयपुर: प्रदेश में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में आमजन की सुरक्षा के लिए लगातार हो रहे बड़े फैसलों के चलते अपराध के आंकड़ों में गिरावट आई है। राज्य सरकार ने सभी तरह के अपराधों विशेषकर महिला एवं दलित अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिए कई नीतिगत निर्णय लिए हैं, जिनके अपेक्षित परिणाम सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में आमजन की सुनवाई सुनिश्चित हो रही है तथा आमजन में यह विश्वास गहरा हो रहा है कि संवैधानिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार और पुलिस कृत संकल्पित है।
जयपुर पुलिस द्वारा “नज़र सिटीजन एप्लीकेशन (NAZAR CITIZEN APP) एवं अद्यतन नज़र पुलिस ऑफिसर्स एप्लीकेशन लाँच
शहर में निवास करने वाले आम आदमी और उसकी संपत्ति की सुरक्षा को लेकर पुलिस की तीसरी आंख सुरक्षा में तैनात रहेगी। इसके लिए व्यक्ति को अपने मोबाइल में नजर सिटीजन एप डाउनलोड कर उसमें अपनी डिटेल भरनी होगी। एप पर अपना डेटा फीड करने के बाद यह स्वत: ही बीट कांस्टेबल को प्रदर्शित हो जाएगा। नजर सिटीजन एप के प्रभावी रूप से संचालित एवं सुपरविजन के लिए बीट स्तर, थानाधिकारी स्तर, सर्किल स्तर, जिला स्तर और पुलिस कमिश्नरेट स्तर पांच स्तर पर जिम्मेदारी तय की गई है। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने शहर के आम नागरिक से सक्रिय होकर इस एप से जुड़ने का आह्वान किया है। कमिश्नरेट के दायरे में रह रहे नौकर व किराएदारों का सर्वे करने व प्रत्येक व्यक्ति और उसकी संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पुलिस का यह महत्वपूर्ण प्रयास है।
एप डाउनलोड करने के बाद डेटा फीड करते समय उसमें बिजली के बिल का के नम्बर अनिवार्य रूप से होगा। इससे मकान, दुकान, होटल, ऑफिस और हॉस्टल पर लगे के नम्बर से संपत्ति की पहचान हो सकेगी। एप में नौकरों, किराएदारों के मोबाइल नम्बर, आईडी प्रूफ इत्यादि जानकारी दर्ज करनी होगी। एप में फीड के साथ ही नजर पुलिस ऑफिसर्स एप्लीकेशन सक्रिय हो जाएगा, जिसके माध्यम से डेटा बीट कांस्टेबल के पास जाने के साथ ही वह उसे वैरिफाई करेगा और उसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल पर एसएमएस के द्वारा स्वत: ही सूचना प्रेषित हो जाएगी।
घर सूना है तो एप से पर डालनी होगी सूचना
यदि मकान मालिक या संपत्ति का मालिक घर से बाहर जा रहा है और घर सूना है तो ऐसी स्थिति में एप के माध्यम से पुलिस को सूचित किया जा सकता है। एप पर यह जानकारी डालने के साथ ही संबंधित बीट अधिकारी को इसका पता चल सकेगा और गश्ती दल द्वारा उस क्षेत्र में अधिक प्रभावी तरीके से मॉनिटरिंग की जा सकेगी। इससे अवैध और संदिग्ध वाहनों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी तो सभी का डिजिटल रिकॉर्ड संग्रहित हो सकेगा।
ये मिलेंगे फायदे
शहर में रह रहे आमजन, व्यापारियों व व्यवसायियों को और अधिक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से घर और संपत्ति तथा किराएदारों-नौकरों की पहचान सुनिश्चित की जा सकेगी। एप्लीकेशन के माध्यम से घर बैठे ही नौकरों और किराएदारों की संपूर्ण जानकारी आसानी से पुलिस से साझा की जा सकेगी। वहीं मकान मालिक के पास भी उनका डेटा संग्रहित हो सकेगा। एप के माध्यम से प्रवासियों के रिकॉर्ड का संग्रहण हो सकेगा। साथ ही शहर में छिपकर रह रहे बाहरी उपद्रवियों की आसानी से पहचान हो सकेगी।