चुनाव से पहले सीएम गहलोत अब ममता बनर्जी की तरह व्हीलचेयर पर आए

जयपुर। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी ममता बनर्जी की तरह व्हीलचेयर पर हैं। बंगाल चुनावों में व्हीलचेयर पर प्रचार कर रही ममता बनर्जी को लोगों की सहानुभूति मिली थी, अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी व्हीलचेयर पर ही सरकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों से रूबरू हो रहे हैं। सीएम ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे राज्य के लोगों की सेवा के लिए रात दिन लगे रहते हैं।

दरअसल पश्चिमी बंगाल में चुनावों से पहले जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पैर में फ्रेक्चर हो गया था, तभी ममता बनर्जी से अस्पताल और घर पर आराम करने की बजाय व्हीलचेयर पर ही प्रचार शुरू कर दिया था। इसकी वजह से ममता बनर्जी के प्रति लोगों ने सहानुभूति व्यक्त की थी। राजस्थान चुनावों से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी पैर में फ्रेक्चर हो गया तो वे भी आराम करने की बजाय कोशिश कर रहे हैं कि लोगों की बीच जाया जाए। इसी कड़ी में गहलोत मंच पर व्हीलचेयर पर आए और पालनहार योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की। बहरहाल अभी चुनावों में वक्त है, लेकिन गहलोत अपनी सरकार रिपीट करने में पूरी ताकत लगाए हुए हैं।

जहां तक प्रचार का सवाल है, मुख्यमंत्री अन्य नेताओं को आगे चल रहे हैं। उनके प्रचार के लिए काम कर रही एजेंसी भी हर जगह फ्रेम में गहलोत को ही रख रही है। किसी भी विभाग की कोई भी योजना हो मोदी की तरह फ्रेम में गहलोत ही दिखाई देते हैं। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसी भी उद्घाटन कार्यक्रम में फ्रेम में वही दिखाई देते हैं। दूसरा नेता या मंत्री कभी कभार ही दिखाई देता है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा भी है-मैं किसी पद पर रहूं, नहीं रहूं, कहीं रहूं, प्रदेशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आपकी सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा। गहलोत सोमवार को सीएम हाउस में पालनहार योजना के लाभार्थी बच्चों से संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम के तहत इस योजना से जुड़े बच्चों के अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए गए। कार्यक्रम में गहलोत ने शेर सुनाया- ना पूछो मेरी मंजिल कहां है, अभी तो सफर का इरादा किया है। ना हारूंगा हाैसला उम्र भर, यह मैंने किसी और से नहीं, खुद से वादा किया है।

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