पेयजल से संबंधित सभी परियोजनाओं में आचार संहिता के चलते देरी नहीं हो – मुख्य सचिव

जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गुरुवार को शासन सचिवालय में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान अंतर्विभागीय प्रकरण, ईसरदा दौसा जल आपूर्ति प्रोजेक्ट तथा जल जीवन मिशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

सभी परियोजनाओं की उचित तरीके से हो मॉनिटरिंग-

मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि विभाग की पेयजल से संबंधित जितनी भी परियोजनाएं तैयार है उन्हें बिना किसी विलंब के जल्द से जल्द लागू किया जाए। उन्होंने ये भी बताया कि आमजन के लिए पेयजल एक अति-संवेदनशील मामला है अतः पेयजल से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने में आचार संहिता हटने का इंतजार ना करें। चुनाव आयोग से अनुमति लेकर आचार संहिता के दौरान भी आवश्यक राजकीय कार्य जारी रखें।

पंत ने निर्देश दिए कि विभाग से संबंधित सभी प्रोजेक्ट की उचित तरीके से मॉनिटरिंग हो साथ ही प्रत्येक स्तर पर कार्य पूर्ण करने की तय समय सीमा निर्धारित हो।

BSR 2024 और पाइप पॉलिसी दोनों को 31 मई तक पूर्ण करें। साथ ही पंत ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि JJM एवम AMRUT 2.0 योजना को समय से पूर्ण किया जाए।

औसत निस्तारण समय में कमी आये-

प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता के लिए ई-फाइलिंग सिस्टम को अधिक से अधिक अमल में लाया जाए और सभी राजकीय अधिकारियों में इस बारे में जागरूक हों साथ ही मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अधिक से अधिक राजकीय कार्य ई-फाईल के माध्यम से हो साथ ही औसत निस्तारण समय अधिक होने पर विभाग के सक्षम अधिकारी द्वारा उचित कार्यवाही की जाए।

बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार और जन स्वास्थ्य और आभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के सचिव डॉ समित शर्मा समेत जल जीवन मिशन के निदेशक बचनेश अग्रवाल, संयुक्त शासन सचिव, समस्त मुख्य अभियंता एवं अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी गण उपास्थित रहे।

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