111 क्विंटल पीले अक्षत होंगे राजस्थान के घर घर में वितरण – राजाराम
जयपुर । पौष शुक्ल द्वादशी वि. स. 2080, सोमवार 22 जनवरी 2024 के दिन अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए देश व विश्व भर में तैयारियाँ चल रही है , 5 नवम्बर को अयोध्या में पूजित अक्षत तैयार कर देश के सभी प्रांतों को भेजे गए, जिसके पश्चात् इसी प्रकार से सभी प्रांतों में पूरे विधान से अक्षत तैयार किए जा रहे हैं। जयपुर प्रांत में 1 दिसंबर को प्रान्त बैठक में 24 जिलों के अध्यक्ष , मंत्रीतथा 2 दिसंबर को जोधपुर प्रान्त में 23 ज़िलों के अध्यक्ष अपने अपने ज़िलों में पूजित अक्षत कलश लेकर हुए ।चित्तौड़ प्रांत के 27 जिलों में 10 दिसंबर को भेजें जाएंगे।
राजस्थान में लगभग 36000 गाँव तथा 4000 नगर बस्तियों में जन संपर्क कर घर घर निमंत्रण दिया जाएगा। इसके लिए राजस्थान के तीनों प्रांतों में 111 क्विंटल अक्षत तैयार होंगे।
जयपुर प्रांत में विश्व हिंदू परिषद जयपुर महानगर ईकाई तथा रामराज्य चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में जयपुर के 31 केंद्रों पर 41 क्विंटल पीले अक्षत तैयार किये हैं । लगभग सभी केंद्र मंदिर ही थे । इस कार्य में स्थानीय मातृशक्ति की बहुत बड़ी भूमिका रही तथा भगवान श्रीराम के कार्य के लिये हमें अवसर मिला इस भाव से अनेकों कार्यकर्ता भावुक हो गये । रामराज्य चैरिटेबल ट्रष्ट के जगदीश ए पंचारिया ,प्रीतेश जी माथुर , डॉ आशा जी मिश्रा , नरेंद्र जी गौड़ की पूरी टीम ने बहुत ही सराहनीय भूमिका निभाई है ।
विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय संगठन मंत्री राजाराम ने बताया कि पूरे प्रदेश में श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बहुत ही भव्य तरीक़े से मनाया जायेगा । इसके लिए मण्डल ( लगभग 5 से 7 गाँवों का समूह ) स्तर पर टोली रचना हो रही है , पूरे क्षेत्र में 11 हजार टोलियाँ 1 से 15 जनवरी 2024 को जन संपर्क के लिए निकलेगी। एक पखवाड़े में प्रदेश के सभी गाँवों एवं ढाणियो में, वनांचल में दूर दराज के सभी इलाको में तथा शहरी सभी बस्ती/उप बस्तियों में संपर्क कर स्थानीय समिति बनाई जाएंगी। गठित समिति को पीले अक्षत , निवेदन पत्रक , तथा श्रीराम मंदिर का चित्र यह तीनों सामग्री दी जायेगी । वह स्थानीय समिति अपने पूरे गाँव, मोहल्ले, ढाणियों, शहरी बस्तियों तथा सोसायटी में संपर्क कर 22 जनवरी के दिन मंदिर केंद्रित भव्य कार्यक्रम ( भजन, हनुमानचालीसा, विजय महामंत्र…..) संपन्न करेगी तथा उसी दिन साय को घर घर दीपजलाकर दीपोत्सव मनाया जायेगा।