सड़क हादसों में परिवारों का बिखरना अत्यंत दुखद सड़क सुरक्षा नियमों की हो कड़ाई से पालना ; मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सड़क हादसों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इनकी रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कई बार पूरा परिवार खत्म हो जाता है। इसकी पीड़ा वही महसूस कर सकता है जिसने हादसों में अपने प्रियजनों को गंवाया हो।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा इनसे होने वाली जनहानि रोकने के लिए उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली प्रत्येक मौत विचलित करने वाली होती है। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष 10 हजार से अधिक व्यक्तियों की असामयिक मौत होना चिंता का विषय है। ऎसे में, हर व्यक्ति की जान को बचाना और सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों और अन्य राज्यों में हुए नवाचारों का उपयोग करते हुए ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने आदि पर सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही घटिया हेलमेट की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाएं। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस पूरे परीक्षण के बाद ही जारी किया जाए। श्री गहलोत ने कहा कि सड़क हादसों पर रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन संचालन को सुरक्षित बनाने की दिशा में पहल की जाए। लोगों को नियमों की पालना के लिए जागरूक किया जाए।
गहलोत ने प्रदेशवासियों से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वाहन चलाते समय नियमों की आवश्यक रूप से पालना करे। यह उनके जीवन की रक्षा के लिए बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियोें को निर्देश दिए कि वे सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और वाहन चालन में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें, ताकि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।
अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन अभय कुमार ने प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि राज्य में वर्ष 2021 में 20 हजार 951 सड़क दुर्घटनाओं में 10 हजार 43 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। उन्हाेंने बताया कि इनमें से 82 प्रतिशत तेज गति से वाहन चलाने, 5 प्रतिशत गलत दिशा में वाहन चलाने एवं 13 प्रतिशत मौतें नशे एवं मोबाइल फोन के उपयोग सहित अन्य कारणों से हुई हैं। उन्होंने सड़क सुरक्षा ऑडिट रिपोर्ट के संबंध में भी जानकारी दी।
इस अवसर पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, परिवहन राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला, गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव पीडब्ल्यूडी श्री नवीन महाजन, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गालरिया, एडीजी यातायात वीके सिंह, चिकित्सा सचिव डॉ. पृथ्वी राज, परिवहन आयुक्त केएल स्वामी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।