संसदीय समिति में कांग्रेस ने किया अग्निपथ का विरोध

कांग्रेस शुरू से ही अग्निपथ योजना का विरोध करती दिखाई दे रही है। ऐसे में कांग्रेस ने संसदीय समिति में भी इसका विरोध जारी रखा। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ये देश की सीमाओं की सुरक्षा तथा युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार को इस योजना को तत्काल वापस लेना चाहिए। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य तथा रक्षा संबंधी परामर्श समिति के सदस्य शक्ति सिंह गोहिल ने सोमवार को समिति की बैठक में अग्निपथ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस का पक्ष रखते हुए कहा कि यह योजना देश के लिए खतरनाक है और यही बात खुद सेना में परमवीर चक्र प्राप्त कैप्टन बाना सिंह भी कह रहे हैं जिन्हें देश सियाचीन के हीरो के नाम से पहचानता है। उन्होंने 21 हजार फुट की ऊंचाई पर पाकिस्तान की कायदे आजम चौकी पर हमला कर उसके चार जवानों को मार दिया था। उन्होंने इस योजना का विरोधते हुए कहा कि इससे देश को बचाओ। अग्निपथ योजना हमको बहुत नुक्सान पहुंचाएगी।

4 साल बाद लौटकर गांव आना है

शक्ति सिंह ने कहा कि पहले गांव के युवा फौज में भर्ती होते थे तो उनको बहुत सम्मान मिलता था। तब लोगों को मालूम रहता था कि वह फौज में रहेगा और सेवा पूरी होने पर उसे पेंशन मिलेगी लेकिन अब सबको मालूम है कि फौज में जाने पर न उसका प्रमोशन होगा, न रैंक बढनी है, न पेंशन मिलनी है यानि उसे कुछ नहीं मिलना है और चार साल बाद उसे घर आ जाना है। अग्निपथ योजना को सरकार को वापस लेना चाहिए और अगर को इसे लागू ही करना है तो इसको लेकर संसद में चर्चा होनी चाहिए। इस योजना की सफलता को लेकर देश में कहीं भी एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा सकता है और उसके आधार पर निर्णय लिया जा सकता है। फौज में जाने के लिए जिन बच्चों ने तीन साल से मेहनत की है उनको फौज में रेग्युलर भर्ती कर दें।

देश की सुरक्षा व्यवस्था से ये खिलावाड़ है

परामर्श समिति के सदस्य ने कहा कि मैं मांग करता हूं कि प्रधानमंत्री अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लें। ये क्यों नहीं देखते हैं कि यूक्रेन और रूस का वॉर चल रहा है और यूक्रेन और रूस के वॉर में एक्सपर्ट्स ने माना है कि जो सैनिक पूर्णत: नौकरी में लंबे अर्से से था, उसका परफॉर्मेंस शोर्ट टर्म नौकरी में आए हुए सैनिक से बहुत बेहतर रहा। हमारी लड़ाई चीन के साथ है, चीन हमारे बॉर्डर में घुस गया है, ये बात भाजपा के सांसद खुद अपने ट्विटर पर कह चुके हैं, इस वक्त में ये राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।

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