मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के कार्याें का होगा औचक निरीक्षण, हर दो माह में होगी बैठक -अध्यक्ष, मगरा क्षेत्रीय विकास बोर्ड

जयपुर। मगरा क्षेत्रीय विकास बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने योजनान्तर्गत जिलाेंं के जिला कलक्टरों को योजना में किए जा रहे कार्यों की जनप्रतिनिधियों को साथ लेकर समयबद्व मॉनिटरिंग के निर्देश देते हुए कहा कि अब वे स्वयं फील्ड में निकलेंगे एवं मगरा क्षेत्रीय विकास योजना में किए जा रहे कार्यों का औचक निरीक्षण करेंगे। उन्होंने बोर्ड की बैठक अब हर दो माह किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत जारी सभी काम एक से डेढ साल में पूरे हो जाने चाहिए।

रावत मंगलवार को शासन सचिवालय के कांफे्रंस हॉल में हुई बोर्ड की राज्य स्तरीय बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे योजना में बजट अलोकेशन बढ़वाने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन तब तक वार्षिक योजना 2022-23 के लिए प्राप्त प्रस्तावों में जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वयं प्राथमिकता तय कर बता दी जावे ताकि उनके काम इसी वर्ष उपलब्ध बजट में कराए जा सकें। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से बात कर फाइनल प्रस्ताव लेने एवं मगरा गाइडलाइन में उपयोगी संशोधनों की अनुशंसा करने के लिए विधायकों की एक उप समिति बनाने के भी निर्देश दिए।

विधायक भीम सुदर्शन सिंह रावत ने क्षेत्र में योजना के अन्तर्गत कराए गए कार्याें के सोशल ऑडिट की मांग की। उन्होंने कहा योजना के अन्तर्गत क्षेत्र में सामुदायिक विकास के काम अधिक कराए जाने चाहिए। ऎसे कार्य जो अन्य योजनाओं में संभव हैं, उन्हेें इस योजना में नहीं लिया जाए। विशेषकर श्मशान विकास के कार्य लिए जाने चाहिए। इस पर ग्रामीण विकास सचिव के.के.पाठक ने उन्हें आश्वस्त किया कि नरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, वाटरशेड एवं अन्य परियोजनाओं के कन्वर्जेंस से श्मशान विकास कार्य कराए जाएंगे।

राजसमन्द विधायक श्रीमती दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कि योजना में कार्य समयबद्ध रूप से किए जाने चाहिए एवं इनकी समुचित मॅानिटरिंग जरूरी है। उन्होंने पंचायत मुख्यालयों पर विद्यार्थियों के लिए लाइबे्रेरी के निर्माण का सुझाव दिया।

विधायक आसीन्द जब्बर सिंह सांखला ने क्षेत्र की दशकों से टूटी सड़कें ठीक करवाने की मांग की। जिला प्रमुख राजसमन्द श्रीमती रतनी देवी एवं भीलवाड़ा जिला प्रमुख श्रीमती बरजी देवी ने भी योजना के सम्बन्ध में अपने क्षेत्र की बात रखी।

प्रमुख शासन सचिव पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अपर्णा अरोरा ने सभी जिला कलक्टर एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को योजना की प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करने एवं कार्यों की भौतिक एवं वित्तीय पेंडेंसी खत्म करने के निर्देश दिए।

बैठक में वर्ष 2020 में हुई गत बैठक की कार्यवाही विवरण का अनुमोदन किया गया एवं वर्ष 2020-21 से 2021-22 तक भौतिक एवं वित्तीय प्रगति पर चर्चा हुई। इसके साथ ही उपयोगिता एवं पूर्णता प्रमाण पत्रों पर एवं समायोजन की स्थिति, वित्तीय वर्ष 2022-23 की वार्षिक कार्य योजना के अनुमोदन, हस्तशिल्पियों, दस्ताकारों व महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थायी विपणन व प्रशिक्षण सुविधा के लिए आधारभूत संरचना, उत्पाद केन्द्र व हाट बनाए जाने, कन्वर्जेशन से सम्बन्धित कार्यों पर चर्चा हुई।

बैठक में पंचायती राज विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन, योजनान्तर्गत जिलों की जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सानिवि, वन, ऊर्जा, आयोजना, शिक्षा, वित्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हुए।

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