पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की भड़ास
कांग्रेस हो या भाजपा या कोई और क्षेत्रीय पार्टी हो उसके नेता, जब पार्टी छोड़ते हैं तो उनकी भड़ास बहुत दिलचस्प होती है। जैसे अभी कांग्रेस के दो नेताओं- सुनील जाखड़ और हार्दिक पटेल ने पार्टी छोड़ते हुए भड़ास निकाली है। हार्दिक पटेल से पहले असम कांग्रेस के दिग्गज नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने पार्टी छोड़ते हुए जो बातें कही थीं लगभग वहीं सारी बातें हार्दिक पटेल ने भी कहीं। सरमा ने कहा था कि वे राहुल गांधी से मिलने गए थे तो तीन मिनट के समय में राहुल अपने कुत्ते को बिस्किट खिलाते रहे। हार्दिक ने राहुल का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि जब वे गुजरात के मामले में बात करने पार्टी के शीर्ष नेता से मिलने गए तो वे बातचीत के दौरान मोबाइल में बिजी रहे।
दिलचस्प बात यह है कि जब वे मिलने गए और राहुल ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया उसके बावजूद वे कांग्रेस में बने रहे थे और अपने को कांग्रेस व राहुल का भरोसेमंद सिपहसालार बताते रहे थे। जिग्नेश मेवानी और कन्हैया कुमार के साथ मिल कर उनको भी क्रांति करनी थी। लेकिन जैसे ही पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस हारी और भाजपा के साथ तार जोड़ने की उनकी कोशिश कामयाब हुई वैसे ही उनको याद आ गया कि एक बार वे मिलने गए थे तो राहुल गांधी ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया था। तभी उनको यह भी याद आया कि बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के समय राहुल गांधी विदेश में रहते हैं।
सोचें, हार्दिक पटेल ने जीएसटी में बाधा डालने के लिए कांग्रेस का विरोध किया, जबकि जीएसटी लागू हो जाने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब उनको इस बात से आपत्ति नहीं थी कि कांग्रेस ने जीएसटी का विरोध किया है। इसी तरह उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून पास कराने और अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में भी कांग्रेस की भूमिका की आलोचना की, जबकि वे उसी समय कांग्रेस में शामिल हुए थे, जब कांग्रेस उनका विरोध कर रही थी। तब से तीन साल तक उनको इन दोनों मसलों पर कांग्रेस के स्टैंड से कोई दिक्कत नहीं थी।
ऐसे ही सुनील जाखड़ ने भी कांग्रेस के खिलाफ जम कर भड़ास निकाली। वे अपने पूरे करियर में गांधी परिवार की जय जयकार करते रहे हैं लेकिन जब पार्टी छोड़ना था तो प्रियंका गांधी वाड्रा की विफलता गिनाई और कहा कि उत्तर प्रदेश में तीन सौ उम्मीदवारों को दो-दो हजार वोट आए हैं। उन्होंने कहा कि इतने वोट तो पंचायत के चुनाव में लोगों को मिल जाते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस के नेता ऐसे भड़ास निकालते हैं। कल्याण सिंह ने भाजपा छोड़ते समय अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में जैसी जैसी बातें कही थीं वैसी बात उनका सबसे कट्टर आलोचक भी नहीं कहेगा। इसी तरह उमा भारती भी पूरे शीर्ष नेतृत्व को अपमानित करके पार्टी से बाहर हुई थीं। लेकिन बाद में दोनों पार्टी में वापस आ गए और पुरानी बातों को भुला दिया गया।