देश में घट रही मुसलमानों की सियासी ताकत?
मुख्तार अब्बास नकवी ने हाल ही में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। अब मोदी सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है। और न ही लोकसभा में कोई मुस्लिम सांसद है। ऐसा तब है जब देश में मुसलमानों की आबादी 16 प्रतिशत है। सिर्फ केंद्र सरकार ही नहीं। बल्कि देश के 16 राज्यों की सरकारों में भी एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है।
बीजेपी में मुस्लिम सांसदों की संख्या
लोकसभा और राज्यसभा में इस वक्त बीजेपी की तरफ से कोई भी मुस्लिम सांसद नहीं है। 2014 में 7 और 2019 के लोकसभा चुनावों में 6 मुस्लिमों को बीजेपी ने टिकट दिया। लेकिन जीतकर संसद एक भी नहीं पहुंचा। राज्यसभा की कुल 245 सीटों में से 91 सीटें बीजेपी के पास है लेकिन पार्टी ने एक भी मुस्लिम नेता को अपने कोटे से राज्यसभा नहीं भेजा है। देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में भी बीजेपी का एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है।
राज्यों की सरकारों में मुसलमानों की सियासी ताकत पर बात करें उससे पहले राष्ट्रीय स्तर पर यानि लोकसभा में आजादी के बाद किस साल मुस्लिम सांसद कितने रहे इस पर नजर डाल देते है।
साल 1952- देश में मुस्लिम आबादी 10 प्रतिशत थी। और लोकसभा में 4 प्रतिशत सांसद मुसलमान थे।
साल 1957- आबादी 10 प्रतिशत लेकिन सांसदों का प्रतिनिधित्व 4 से बढ़कर 5 प्रतिशत हो गया।
साल 1962- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसद।
साल 1967- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 6 प्रतिशत सांसद।
साल 1971- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 6 प्रतिशत सांसद।
साल 1977- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 6 प्रतिशत सांसद।
साल 1980- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 9 प्रतिशत सांसद।
साल 1984- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 8 प्रतिशत सांसद।
साल 1989- मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत, लोकसभा में 6 प्रतिशत सांसद।
साल 1991- मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत, लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसद।
साल 1996- मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत, लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसद।
साल 1998- मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत, लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसद।
साल 1999- मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत, लोकसभा में 6 प्रतिशत सांसद।
साल 2004- मुस्लिम आबादी 13 प्रतिशत, लोकसभा में 7 प्रतिशत सांसद।
साल 2009- मुस्लिम आबादी 13 प्रतिशत, लोकसभा में 5 प्रतिशत सांसद।
साल 2014- मुस्लिम आबादी 14 प्रतिशत, लोकसभा में 4 प्रतिशत सांसद।
साल 2019- मुस्लिम आबादी 15 प्रतिशत, लोकसभा में 4.9 प्रतिशत सांसद।
साल 1980 में मुस्लिम आबादी 11 प्रतिशत थी तब लोकसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व 9 प्रतिशत था। आज आबादी बढ़कर 15 प्रतिशत को पार कर गई है लेकिन प्रतिनिधित्व घटकर 4.9 प्रतिशत हो गया है।
अब अगर मुस्लिम बहुल राज्यों की विधानसभाओं की बात करें तो वहां भी मुसलमानों का प्रतिनिधित्व जनसंख्या के औसत में नहीं है। राजस्थान जैसा प्रदेश जहां 8 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। लेकिन विधानसभा में सिर्फ 3 प्रतिशत ही मुस्लिम विधायक है। सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले राज्य असम में भी मुस्लिम विधायकों की संख्या कुल विधायकों की 19 प्रतिशत ही है।
राज्यवार बीजेपी के मुस्लिम विधायक
देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बीजेपी का एक भी मुस्लिम विधायक नहीं है। 2019 के बाद हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली, गोवा, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 6 मुसलमानों को टिकट दिया। इसके अलावा असम में 9, हरियाणा में 3, मणीपुर और केरल में 1-1 मुस्लिम को टिकट दिया।