जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में हंगामा
जयपुर नगर निगम ग्रेटर की साधारण सभा की बैठक में हंगामा, तनातनी की तस्वीर के साथ भ्रष्टाचार की गूंज भी सुनाई दी। करीब 8 घंटे चली बैठक में वार्डों में विकास कार्यों से लेकर लाइट सीवरेज नालों की सफाई और प्रशासनिक कार्य प्रणाली में सरलीकरण को लेकर चर्चा हुई।
हालांकि इस बैठक में वार्डों में विकास कार्यों को लेकर बजट अब 80-80 लाख रुपए कर दिया है। साथ में 1 जून से नगर निगम आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत करने का ऐलान किया गया है। इसमें हर वार्ड की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया जाएगा।
पार्षदों का फूटा गुस्सा, खूब सुनाई खरी खरी
नगर निगम ग्रेटर के वर्तमान बोर्ड की तीसरी बैठक में पार्षदों ने खूब गदर मचाया, आरोप-प्रत्यारोप लगाए और चौथ वसूली से लेकर भ्रष्टाचार की गूंज सदन में गूंजती रही। सुबह 11:00 बजे शुरू हुई साधारण सभा की बैठक रात 8:00 बजे तक चली इस बीच एक बार हंगामे के चलते बैठक को बीच में कुछ देर के लिए स्थगित भी करना पड़ा। बैठक में तीन प्रस्ताव पर चर्चा हुई। पार्षदों की मांग पर अब हर वार्ड में 80-80 लाख रुपए के काम का बजट तय किया गया। जिसमे 75 लाख का विकास कार्य और 5 लाख का मेंटीनेंस कार्य होगा। पार्षदों ने आरोप लगाया 18 महीने में 18रुपये का काम भी नजर नहीं आ रहा है।
पार्षदों ने मेयर डॉ सौम्या गुर्जर को तस्वीरें दिखाकर बताया कि पार्को की हालात बदतर होते जा रहे हैं। 5 लाख रुपए के मेंटेनेंस के काम होने चाहिए लेकिन 5 रुपये के बीच नजर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं एक पार्षद ने तो सदन में इतना तक कह दिया कि आप हमारे वार्ड में भूल कर भी मत आ जाना स्वागत की जगह जूते पड़ने की नौबत आ सकती है। इस पर महापौर सौम्या गुर्जर ने अधिकारियों को लापरवाही नहीं बरतने की सलाह दी तो साथ ही जनप्रतिनिधियों के साथ सामंजस्य बैठाकर विकास कार्यों को पूरा करने को कहा।
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निगम ग्रेटर की लाइट विंग बन चुकी भ्रष्टाचार का गढ़
शहर की बदहाल रोड लाइट व्यवस्था को लेकर विद्युत समिति की चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने सवाल उठाए और विद्युत का काम देख रही दोनों कंपनियों को ब्लैक लिसट करने की मांग की। बंसल ने कहा कि विद्युत शाखा में भ्रष्टाचार का नंगा नाच चल रहा है। हिंगोनिया गौशाला में 270 लाइटें लगाई गई, जिनमें से 70 लाइटें बंद हो चुकी हैं। 25 लाइटें कम रोशनी दे रही है, जिस कंपनी ने लाइटें लगाई उसको मेंटिनेंस करनी थी लेकिन कंपनी अब मेंटिनेंस का काम भी नहीं कर रही है. पूरी तरीके से कंपनी फेलियर है।
हर पार्षद लाइट की समस्या लेकर प्रताड़ित है। पार्षदों ने आरोप लगाया कि एक्सईएन फोन नहीं उठाते हैं और जनता की गालियां हमें सुननी पड़ती है। इस दौरान बंसल ने कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की। क्या ऐसे नरभक्षी को ही काम देना जरूरी तो नहीं। जिसकी लापरवाही के कारण 11साल के बच्चे की मौत हो गई मानसून आने वाला है, लेकिन अभी तक मेंटिनेंस का काम शुरू नहीं हुआ जगह-जगह तार खुले हुए है, क्या किसी हादसे का इंतजार कर रहे। इस पर निगम के इंजीनियरों द्वारा जवाब दिए जाते नहीं बना।
एक-दूसरे पर की व्यक्तिगत टिप्पणी तो मारने के लिए दौड़े पार्षद
उधर कांग्रेस पार्षद ओमप्रकाश द्वारा भाजपा समर्थित निर्दलीय पार्षद रणवीर को अपशब्द कहने पर जमकर हंगामा हुआ। निर्दलीय पार्षद रणवीर सिंह को कांग्रेस पार्षद की ओर से की गई टिप्पणी बर्दाश्त नहीं हुई तो वह अपनी सीट छोड़कर मारने के लिए सदन में दौड़ पड़े हालांकि बीच में ही सदन में बैठे पार्षदों ने उन्हें रोक लिया। हंगामे के चलते बैठक को 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। दरअसल, व्यक्तिगत टिप्पणी को लेकर बैठक में हंगामा हुआ था। तब वैल में उतर कर पार्षदों ने महापौर को शिकायत की। कांग्रेसी पार्षद ओमप्रकाश रणवा विकास के मुद्दे पर बोल रहे थे, लेकिन बीच में बीजेपी पार्षद रणवीर सिंह के टोकने पर हंगामा हो गया, रणवीर सिंह ओमप्रकाश रानवा ने बीच में नहीं बोलने की नसीहत दी थी।
इस मसले को लेकर आपस में उलझ पड़े और पार्षद वैल में उतर कर नारेबाजी की। इसके बाद सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया तब जाकर हंगामा शांत हुआ। इससे पहले प्रस्ताव संख्या 2 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद आपस में उलझ गए। कांग्रेस पार्षद राजुला सिंह ने अपने वार्ड में एक अवैध निर्माण पर हो रही कार्यवाही को रूकवाने के लिए डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावट पर फोन करके रूकवाने का आरोप लगाया। इस पर कर्णावट ने पार्षद राजुला के पति वेदप्रकाश पर गरीबों के मकान तुड़वाने और थड़ी-ठेले वालों को परेशान कर उनसे चौथ वसूली करने के गंभीर आरोप लगा दिए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कांग्रेस और भाजपा के पार्षद हंगामा करते रहे। बैठक में एजेंडे के अलावा एक-दूसरे आराेप-प्रत्यारोप लगाने पर हुए हंगामे के बाद मेयर ने सभी पार्षदों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाएगा। जो पार्षद इस तरह एक-दूसरे पर सदन में आरोप लगाएगा उसको सदन से बाहर कर दिए जाएगा।
पार्षदों ने उठाए प्रस्ताव संख्या एक पर सवाल
उधर बैठक के पहले प्रस्ताव पर ही कांग्रेस और भाजपा पार्षदों ने सवाल उठा दिए. उप महापौर पुनीत कर्णावट सहित कई पार्षदों ने कहा कि जब मेयर और आयुक्त को ट्रांसफर का अधिकार है तो ये प्रस्ताव लाया ही क्यों गया ? दरअसल निगम निगम ग्रेटर में तैनात कर्मचारी इन दिनों जनप्रतिनिधियों की सुन नहीं रहे है। यही कारण है कि नगर निगम में ऐसे कर्मचारियों की कुर्सी हिलाने के लिए बोर्ड बैठक में 2 साल से एक ही सीट से हटाने का प्रस्ताव लाना पड़ा है। इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा कि सरकार की ओर से ट्रांसफर को लेकर जो पॉलिसी बनाई गई है उसकी अक्षरशः पालना की जाए।
नगर निगम में चल रही साधारण सभा में प्रशासनिक कार्य प्रणाली के सरलीकरण का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन जब एजेण्डे की मूल कॉपी आई तो उसमें उन कर्मचारियों के ट्रांसफर का उल्लेख था, जो नगर निगम की किसी न किसी शाखा में 2 साल या उससे ज्यादा समय से बैठे है. ऐसे कर्मचारियों को निगम की कार्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए हटाकर दूसरी जगह लगाने के लिए कहा गया। प्रस्ताव पर डिप्टी मेयर समेत दूसरे पार्षदों ने अपनी राय रखते हुए इस प्रस्ताव पर सवाल उठाए और कहा कि ये कार्यव्यवस्था पहले से है और प्रशासनिक स्तर पर इसे किया जाना चाहिए।