कांग्रेस की मजबूत किलेबंदी में कलह तलाश रही बीजेपी

जयपुर। राज्यसभा चुनाव के लिये कांग्रेसी कुनबे की मजबूती देख बीजेपी अब साइलेंट मोड में आ गई है। उम्मीद से ज्यादा विधायकों के उदयपुर की बाड़ेबंदी में पहुंचने के बाद कांग्रेसी खेमा जहां तीन सीटें जीतने के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहा है वहीं भाजपाई अब भी अपने सीक्रेट मिशन की सफलता के दावे कर रहे हैं। बीजेपी के पास खुद के अलावा अभी तक सिर्फ आरएलपी के तीन विधायकों ने ही उनके समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार को वोट देने का फैसला किया है। उसके बावजूद बीजेपी अब भी कांग्रेस की एकजुटता में भी कलह तलाश रही है। बीजेपी की बाड़ेबंदी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हो गईं।

पार्टी के वरिष्ठ नेता कैम्प का पहले ही हिस्सा बन चुके हैं। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की एक सीट पर जीत तय है। लेकिन दूसरी सीट पर उसने निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया है। बाड़ेबंदी से बाहर निकलकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बयान देते हुये कहा कि राज्य सरकार राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए पुलिस का बेजा इस्तेमाल कर रही है। विधायकों की जासूसी हो रही है। राठौड़ ने आरोप लगाया कि विधायकों पर चौतरफा दबाव बनाकर अपने बाड़े में लाने के जायज-नाजायज सभी तरीके सरकार इस्तेमाल कर रही है। दूसरी तरफ प्रदेश में अपराधी बेलगाम हो गये हैं।

बीजेपी का गणित गड़बड़ाता दिख रहा है

कांग्रेस की मजबूत बाड़ाबंदी के चलते फिलहाल बीजेपी का गणित गड़बड़ाता दिख रहा है। पार्टी पॉलिटिकल गेम प्लान के साथ अपनी सेहत का भी पूरा खयाल रख रही है। बीजेपी की बाड़ाबंदी में योग-प्राणायाम से लेकर तरह तरह के आसन बीजेपी विधायक कर रहे हैं। लेकिन चेहरे पर वो चमक दिखाई नहीं दे रही है जिसके लिये लग्जरी रिजोर्ट में बाड़ेबंदी शुरू की गई थी।

पार्टी के नेता अब भी बड़ा खेल होने का दावा कर रहे हैं

बीटीपी विधायकों के कांग्रेस कैम्प में जाने के बाद बीजेपी की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। निर्दलीय उम्मीदवार की जीत की संभावनायें और धूमिल होती दिख रही है। लेकिन पार्टी के नेता अब भी बड़ा खेल होने का दावा कर रहे हैं। नरपत सिंह राजवी से लेकर रामलाल शर्मा जैसे वरिष्ठ विधायक अब भी चमत्कार और उलटफेर की संभावनायें जता रहे हैं।

बीजेपी का जुगाड़ अभी परवान चढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है

बहरहाल उदयपुर के कांग्रेस कैम्प में खुशी का माहौल है तो बीजेपी का जुगाड़ अभी परवान चढ़ता दिखाई नहीं दे रहा है। ये बात दीगर है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। लेकिन हाल फिलहाल सरकार की मजबूत किलेबंदी को भेद पाना उसके लिए संभव दिखाई नहीं पड़ रहा है। ऐसे में पार्टी के बड़े बयान बहादुर बड़ा धमाका होने के बयान देकर सियासी गर्मी में इजाफे की कोशिश करते जरुर नजर आ रहे हैं।

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