कहीं घर में आग ना लग जाए, घर के ही चिराग़ से…….
भारत का सबसे बड़े राज्य राजस्थान को, दुनिया भर में पर्यटन की दृष्टी से एक प्रसिद्ध, ऐतिहासिक और अतुल्नीय जगह मानी जाती है। लेेकिन पिछले कुछ समय से जिस विषय को लेकर राजस्थान टॉप कर रहा है, उसने हमें ना सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया भर में शर्मशार कर दिया है। अब आप सभी पाठक सोच रहे होंगे कि भारत तक तो बात ठीक है, लेकिन भला इसका पूरी दुनिया से क्या लेना—देना? तो जनाब़, कहना पड़ रहा है कि पधारो म्हारे देस वाला राजस्थान, दुष्कर्म के मामलों में देश भर में सबसे ऊपरी पायदान पर जगह बनाए हुए है। वीरों की इस धरती पर घूमने आने वाले विदेशी मेहमानों के मन में क्या यह डर नहीं सता रहा होगा कि दो पल का सुकुन और चार दिन की हंसी—खुशी की जिंदगानी बिताने के लिए वे जिस राज्य में जा रहे हैं, उसने दुष्कर्म के मामलों ने अन्य राज्यों को पछाड़ दिया है।
इस विषय पर आगे बात करेंगे, अभी हम मुख्य मुद्दे पर आते हैं। और मुख्य मुद्दा है — पावरफुल हो, पिता सरकार में मत्री हो तो हम कुछ भी कर देंगे, हमें कुछ नहीं होगा, और कोई हमें हाथ भी नहीं लगा सकता। हमसे दुश्मनी मोल मत लो वर्ना नामोनिशान तक मिटा दिया जाएगा।
कांग्रेस के चिंतन शिविर में आखिर चिंतन किस बात पर?
देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर उदयपुर में सम्पन्न हुआ। चिंतन शिविर में कांग्रेसी नेताओं ने संगठन को मजबूत करने की बात कही। सही बात है, एक संगठन सफलता के द्वार तभी खोल सकता है, जब वह मजबूती से कदम टिकाए और आगे बढ़ाए। लेकिन मजबूती सिर्फ संगठन की नहीं, नेताओं के चाल चरित्र और चेहरे की भी होनी चाहिए। एक मंत्री पुत्र पर लगे गंभीर आरोपों पर भी चिंतन हो जाता तो शायद जनता के सामने अच्छा संदेश जाता। इससे पहले भी कांग्रेसी नेताओं और मंंत्रियों पर आरोप लगे हैं। इसी के चलते कई नेताओं को चुनाव में टिकट नहीं दिया गया और मंत्रियों से इस्तीफा लिया गया। डर था कि कहीं जनता के बीच गलत मैसेज ना जाए। अब, जब एक बार फिर सरकार के सामने वैसे ही स्थिति है, तो इस मामले में किस कारण से अभयदान दिया जा रहा है, यह समझ से परे है। आखिर पीड़िता की रिपोर्ट में सरकार के मंत्री का नाम भी शामिल है। ऐसे में नैतिकता के आधार पर या तो वे इस्तीफा दे देते या सरकार उनसे इस्तीफा ले लेती।
बात नैतिकता की चली है, तो राजस्थान के गांधीवादी नेता कहे जाने वाले सूबे के मुखिया और तीसरी बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल रहे अशोक गहलोत को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पूर्व में कांग्रेसी नेताओं पर लगे आरोपों के बाद जब उनसे इस्तीफा लिया गया है तो इस बार गहलोत की ऐसी कौन सी मजबूरी है कि वे पार्टी को नुकसान पहुंचा रही अमरबेल को नष्ट करना तो दूर, उसके बारे में विचार तक भी नहीं कर रहे हैं। आखिर वो सिर्फ एक मुख्यमंत्री ही नहीं, एक नागरिक भी हैं और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना उनका दायित्व भी है, जिम्मेदारी भी। आखिर समाज को सही दिशा में ले जाने की जिम्मेदारी समाज के नागरिकों से ज्यादा, जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों की है।
समाज को भी चिंतन करने की जरूरत है क्योंकि समाज अगर चिंतन नहीं करेगा तो आखिर कौन करेगा? ऐसे जनप्रतिनिधियों को जड़ से उखाड़ कर फेंक देना चाहिए, जिन पर कुकर्म, नारियों के अपमान, दुष्कर्म समेत अन्य आरोप लगे हुए हैं, ताकि अन्य जनप्रतिनिधि इस तरह के जुर्म करने का दुस्साहस नहीं कर सके। ब्राह्म्ण समाज भी संगठित होकर, ब्राह्म्ण समाज के संगठनों के मुखियाओं को यह ऐलान कर देना चाहिए कि रोहित जोशी जैसे व्यक्तियों को समाज से बेदखल करके समाज को स्वच्छ बनाएं। व्यक्ति से समाज बनता है, समाज से राज्य और राज्य से राष्ट्र।
अगर राजनैतिक दल या समाज ऐसा उचित कदम नहीं उठाते हैं तो इसका हर्जाना सभी वर्गों को भुगतना पड़ेगा। कहीं ऐसा ना हो कि पुत्र मोह में सिर्फ महेश जोशी ही नहीं, पूरा ब्राह्म्ण समाज बदनाम हो जाए। घर में कहीं आग ना लग जाए, घर के ही चिराग से।
हम जिस विषय पर बात कर रहे हैं, वो आज की तारीख़ में जग जाहिर है। राजस्थान सरकार में जलदाय मंत्री का पद संभाल रहे महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है। बात सिर्फ मुकदमा दर्ज होने तक सीमित रहती, तो शायद ठीक था। लेकिन पीड़िता ने एफआईआर में जो बातें लिखी हैं, वो वाकई दिल दहलाने वाली लगती हैं। भवंरी देवी मामले को प्रदेशवासी भूले नहीं हैं। इस प्रकरण में पीड़िता ने
जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें लिखा है कि रोहित ने कैसे उसके साथ शोषण किया और कैसे प्रताड़ित किया। पीड़िता ने यह भी लिखा कि जब भी वह कॉल करती, रोहित कहता कि वह मंत्री पुत्र है और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। और अपने पैसे और रूतबे की रौब देता है और आखिरी बात में कहता है कि मैं क्हां गायब हो जाउंगी पता भी नहीं चलेगा, भंवरी देवी कांड दुबारा दोहराया जाएगा।
‘भंवरी देवी कांड दुबारा दोहराया जाएगा’….बाप रे बाप। सुनकर ही बड़ा डर लगता है। रोहित के इस कथन ने, सत्ता की ताकत के दुरूपयोग का उदाहरण तो पेश किया ही, साथ ही प्रदेश और देश की हर बेटी के दिल में डर भी बिठा दिया है। घर से बाहर निकलने से पहले डर, नौकरी करने के लिए अपने आफिस जाते समय डर, समाज में किसी भी व्यक्ति से मिलने से पहले डर। कितनी बड़ी विडंबना है कि पुरूष प्रधान समाज में, पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही महिला को ऐसे व्यक्तियों की वजह से भय का जीवन जीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बेटियों के साथ हो रहा यह व्यवहार हमें शर्मसार नहीं करेगा तो और क्या करेगा? मंत्री पुत्र का ऐसा कहना, जैसा एफआईआर में पीड़िता ने जिक्र किया है, अपने आप में यह दर्शाने के लिए काफी है कि यदि आपके पिता मंत्री हैं तो फिर आपको हर कुछ करने की छूट है।
इधर, रोहित के पिता और राज्य सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी का कहना है कि इस मामले में पुलिस को निष्पक्ष होकर जांच करनी चाहिए। जोशी ने यह भी कहा कि वे हमेशा न्याय के साथ रहेंगे। इस मामले में क्या कुछ हुआ और सच क्या है, यह सब जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में जो बातें लिखी हैं, उससे एक धुंधली तस्वीर तो बन ही गई है, जो बहुत कुछ बयां करने के लिए काफी है।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब़ है कि राजस्थान सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर जयपुर की एक युवती ने नॉर्थ दिल्ली के सदर थाने में दुष्कर्म का केस दर्ज करवाया है, जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया कि मंत्री के बेटे रोहित जोशी ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार रोहित जोशी ने फेसबुक के माध्यम से उसके साथ दोस्ती की। इसके बाद जनवरी 2021 में रोहित उसे अपने दोस्त के घर सवाई माधोपुर लेकर गया। वहां रोहित ने नशीला पदार्थ पिलाकर युवती के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का आरोप है कि उसके बेसुध होने पर रोहित ने उसके न्यूड वीडियो बनाए और फोटो भी खींचे। पीड़िता का कहना है कि दुष्कर्म के बाद रोहित ने उसे मुंह खोलने पर फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देने के साथ ही पिता की बड़ी पहुंच का डर भी दिखाया।
नॉर्थ दिल्ली पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर जीरो नंबर एफआईआर दर्ज कर इसे सवाईमाधोपुर एसपी को भेजा। पुलिस ने 376, 328, 312, 366, 377, 506 और 509 धाराओं में मामला दर्ज किया है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने आरोप लगाया है कि 8 जनवरी 2021 से 17 अप्रैल 2022 तक, रोहित ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता ने दुष्कर्म के अलावा शराब पीकर मारपीट और ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगाया है। पीड़िता का यह भी आरोप है कि रोहित की ओर से बार—बार शारारिक संबंध बनाए जाने के बाद जब वह गर्भवती हुई तो उसका गर्भपात भी करा दिया गया।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता का कहना है कि उसके गर्भवती होने के बाद, जब उसने रोहित से शादी करने की बात कही तो दोनों में झगड़ा हो गया। पीड़िता का कहना है कि फेसबुक पर बातचीत करने के दौरान रोहित अपनी पत्नी से परेशान होने की बात कहता था। इसके बाद दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और इसी बात का फ़ायदा उठाकर रोहित ने बार—बार उसका शारारिक शोषण किया। पीड़िता की रिपोर्ट के अनुसार रोहित ने सवाई माधोपुर के बाद, दिल्ली के एक होटल में भी उसके साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता की रिपोर्ट के अनुसार, रोहित और उसके लोग, राजस्थान में केस दर्ज नहीं होने देते, इसलिए उसने दिल्ली पुलिस को मामले की शिकायत देकर रिपोर्ट दर्ज कराई है।