सफलता आनंद ही है, जो अपने आप में आनंदित है वहीं सफल है-सुधांशुजी महाराज

जयपुर। विश्व जागृति मिशन के संस्थापक और देश के जाने-माने अध्यात्मवेता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि सफलता आनंद का ही रूप है, जो अपने आपमें आनंदित है, वहीं व्यक्ति जीवन में सफल है, ऐसे में हम आनंद में रहना सीखे और आंतरिक प्रसन्नता को बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर रहे। उन्होंने कहा कि प्राणीमात्र का जन्म आनंद के लिए ही हुआ है, आनंद स्वरूप परमेश्वर ने हम सबको धरती पर आनंद के लिए ही भेजा है, ऐसे में हर छोटी-छोटी चीज में आनंद की खोज करे।

विजामि प्रमुख श्री सुधांशुजी महाराज शुक्रवार को जवाहर नगर में एमपीएस स्कूल के तक्षशिला ऑडिटोरियम में ‘जीवन में आनंद की खोज‘ विषय पर जयपुर मंडल की ओर से आयोजित विशेष भक्ति सत्संग में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओ और गणमान्यजनों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने ‘आनंद दृष्टि क्रियायोग के अभ्यास’ का महत्व बताते हुए जीवन के हर पल को खुशी से सराबोर करते हुए जीने के महत्वपूर्ण सूत्रों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके साथ ही ‘फील गुड हार्मोन’ बढ़ाने के लिए उगते हुए सूर्य की लाली को देखने, अच्छी एवं गुणवत्ता की नींद लेने के लिए जल्दी सोने और जल्दी उठने की महत्ता बताई।

महान आध्यात्मिक संत श्री सुधांशुजी महाराज ने गीता के दूसरे अध्याय के 65 वें श्लोक की सूक्ष्म व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें भगवान कृष्ण ने बताया है कि जब व्यक्ति का अंतकरण खुशी से भर जाए, चित्त प्रसन्न हो जाए तो आदमी बड़े-बड़े दुःखों को छोटा समझने लगता है। जोे मानसिक रूप से खुश एवं शांत रहने की कला में पारंगत हो जाता है और अपने मौन व शांति में स्थिर रहने लगे, स्वयं की भावनाओं पर नियंत्रण की तकनीक सीख ले, वह जीवन के वास्तविक आनंद को पा लेता है। उन्होंने कहा कि जो लोग छोटी-छोटी बातों में दोष ढूंढते हैं, दुःख उनकी तरफ बिना बुलाए आता है, ऐसे लोग एक तरह से दुःख को निमंत्रण देने का काम करते हैं। अतः भावनाओं का शुद्धीकरण जरूरी है, भाव आदमी को गतिशील रखते हैं और अच्छे भावों से ही जीवन में सकारात्मकता आती है।

गुरूवर ने वेदों की उक्तियों का मर्म समझाते हुए बताया कि बाहर हर आदमी अपने आपको अच्छा दिखाना चाहता है। जैसे तुम बाहर दिखते हो या दिखना चाहते हो, वैसा ही भीतर से बनने का प्रयास करो, इससे जीवन में शांति और आनंद का प्रवाह बढ़ेगा, ऐसे में सभी आंतरिक रूप से खुश रहने की कोशिश करे। उन्होंने कहा कि खुशी की शुरूआत मुस्कराहट के साथ होती है, खुशी कहती है कि तुम मुस्कराओं मैं अंदर आ जाउंगी, ऐसे में सदा मुस्कराने की आदत डाले। मर्दानगी तो यहीं है कि अपनी मुस्कराहट का दीप कभी बुझने नहीं दे।

श्री सुधांशुजी महाराज ने आनंद के सूत्र बताते हुए कहा कि जीवन में हजार कारण हो सकते है, दुःखी होने या रहने के मगर व्यक्ति अगर खुश होना चाहे तो इसके एक लाख कारण मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि आप जहां, जिस स्थिति और परिस्थति में है, वहीं आनंद लेना शुरू करे, खुशी उसी पल में स्थित है, वहीं से जीवन का नजारा लेना आरम्भ कर दे, वक्त या भाग्य के बदलने का इंतजार नहीं करें। आचार्यवर ने प्रसन्न, शांत, प्रेमपूर्ण, संतुलित और फिर स्थिर होने के गुर सिखाते हुए कहा कि इसके बाद बाहर की दुनियां से अपने अंदर की शांति में प्रवेश करें। साथ ही रिश्तों को जोड़ने के लिए बर्दाश्त करने और सहनशील बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी बात या घटना को इतना बड़ा मत बनाए कि जीवन जीना दूभर हो जाए, हमेशा ‘हो गया तो हो गया, क्या फर्क पड़ता है‘ जैसे भावों के साथ भूलना एवं आगे बढ़ना सीखे, ऐसे में भगवान भी शक्ति देते है।

श्री सुधांशुजी महाराज ने कहा कि जीवन में आनंद बढ़ाने पर फोकस करे, तनाव और चिंता पर ध्यान नहीं दें क्योंकि मन की यह आदत है कि हम जिस चीज पर ध्यान देते है, यह उसी को बढ़ा देता है। मुश्किल समय या परिस्थतियों को निडरता से सामना करने की सीख देते हुए पूज्य गुरूवर ने कहा कि जीवन में डर का पलड़ा भारी रहा तो भीतर का जीनियस खो जाएगा, वहीं डर पर काबू पाएंगे तो भीतर का जीनियस जाग जाएगा। उन्होंने कहा जिंदगी में 90 प्रतिशत डर तो झूठे होते है, जिस दिन डरना छोड़ दोगे, जीना सीख जाओगे। अगर डर को काबू में रखने की कला आ जाएगी तो न केवल खुद आनंद में रहना सीख जाएंगे बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के जीवन में असली आनंद ला सकेंगे।

इस मौके पर जयपुर मंडल के अध्यक्ष श्री मदन लाल अग्रवाल सहित समस्त पदाधिकारियों ने गुरूदेव का नागरिक अभिनंदन किया। भक्ति सत्संग में जस्टिस दीपक माहेश्वरी, भाजपा के पूर्व प्रदेषाध्यक्ष श्री अशोक परनामी, पार्षद श्री नीरज अग्रवाल, केन्द्रीय पर्यवेक्षक श्री मनोज शास्त्री, लालसोट मंडल के श्री महेशचंद्र गुप्ता, श्री हेम कुमार भार्गव सहित गणमान्य नागरिक और प्रबुद्धजन मौजूद रहे। कार्यक्रम की गतिविधियों का संचालन आचार्य श्री अनिल झा ने आगामी दिनों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शनिवार और रविवार को आचार्य श्री के सानिध्य में अजमेर में किशनगढ़ के मदनगंज में भक्ति सत्संग के विशेष सत्र होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *