राजस्थान में प्रदेश का पहला और देश का तीसरा “महिला वित्तीय संस्थान” स्थापित
जयपुर। राजस्थान में प्रदेश का पहला और देश का तीसरा “महिला वित्तीय संस्थान” स्थापित करने के लिए सोमवार को ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीणा की उपस्थिति में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद एवं स्त्रीनिधि तेलंगाना के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किए जाने के सम्बन्ध में घोषणा की गई थी। राज्य में राजस्थान महिला निधि की स्थापना तेलंगाना राज्य में सफलता पूर्वक संचालित स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर की जा रही है। सोमवार को इंदिरागांधी पंचायती राज संस्थान में हुए एमओयू पर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक श्रीमती मंजू राजपाल एवं तेलंगाना की ओर से स्त्रीनिधि के एमडी जी, विद्यासागर रेड्डी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चन्द मीना ने कहा कि महिला निधि की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिए ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। बैंकों में लम्बित ऋण आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि इस निधि का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिए ही किया जाएगा। राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा। प्रमुख शासन सचिव श्रीमती अपर्णा अरोरा ने महिला निधि की स्थापना को राजीविका के लिए मील का पत्थर बताया।
इससे पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री ने प्रदेशभर के जिला परियोजना प्रबन्धकों की संभागवार एवं जिलेवार बैठक लेकर उनके कामकाज की समीक्षा की। उन्हाेंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य की प्रगति आंकड़ों एवं प्रतिशत में आंकने के बजाय धरातल पर काम नजर आना चाहिए। साथ ही महिला एवं बाल विकास या अन्य माध्यमों से आने वाले समूहों की महिलाओं को राजीविका के स्वयं सहायता समूहों में शामिल करते समय आवश्यक रूप से इस बात का ध्यान रखें कि गरीब एवं वंचित महिलाओं को लाभ अवश्य मिलें। इस अवसर पर ग्रामीण विकास सचिव के.के.पाठक, प्रोजेक्ट मैनेजर राजीविका श्री हरदीप सिंह चौपड़ा, विभिन्न जिलों से आए जिला परियोजना प्रबन्धक एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
तेलंगाना से आए तकनीकी दल में डीजीएम प्रशासन आईटी डॉ.पी.राजा राव, डीजीएम फण्ड सीएच वेंकट रेड्डी, डीजीएम क्रेडिट बीवीएस रेड्डी, सीनियर मैनेजर आईटी पी वेनूप्रसाद एवं टीसीएस से रवि कुमार मारी शामिल थे।
प्रथम वर्ष में शुरूआत 6 जिलों से
राजस्थान महिला निधि की स्थापना राज्य स्तरीय सहकारी विीय संस्था के रूप में राजीविका के माध्यम से की जा रही है। राजीविका के क्लस्टर लेवल फैडरेशन इसके सदस्य होंगे। राजस्थान महिला निधि को प्रथम वर्ष के क्रियान्वयन में 15 जिलों में प्रारम्भ किया जाएगा, जिसमें से 6 जिलों यथा करौली, अलवर, कोटा, डूंगरपुर, राजसमन्द एवं जोधपुर से इसकी शुरूआत की जा रही है।
वित्तीय व्यवस्था
राजस्थान महिला निधि की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कुल 50 करोड़ रूपये (प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रूपये) का अनुदान दिया जाएगा एवं भारत सरकार से 110 करोड़ रूपये के अनुदान हेतु प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किए गए हैं। राजस्थान महिला निधि के संचालन के लिए चरणबद्ध तरीके से राजीविका द्वारा 561 प्रोन्नत संकुल स्तरीय संघ (क्लस्टर लेवल फैडरेशन) से 10 लाख रूपये प्रति संकुल स्तरीय संघ शेयर कैपिटल के रूप में योगदान दिया जा रहा है।
48 घंटे में ऋण वितरण
महिला निधि के माध्यम से 40,000 रूपये तक के ऋण 48 घण्टे में एवं इससे अधिक राशि के ऋण भी 15 दिवस की समय सीमा में वितरित हो सकेंगे।