वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि स्व. श्री वशिष्ठ कुमार शर्मा की स्मृति में परिचर्चा का हुआ आयोजन

जयपुर। शिक्षा एवं कला साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री डॉ. बी डी कल्ला ने कहा कि पत्रकार सर्दी, गर्मी, युद्ध या कैसा भी समय हो अपनी कलम चलाते हैं। पत्रकारिता परेशानी की पगडंडी है लेकिन पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और अपनी स्पष्ट व निर्भीक लेखनी से पत्रकार चारों स्तंभ को मजबूत करता है।

डॉ. कल्ला आज शुक्रवार को राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम की ओर से वरिष्ठ पत्रकार और कवि स्वर्गीय श्री वशिष्ठ कुमार शर्मा की स्मृति में जयपुर स्थित पिंक सिटी प्रेस क्लब में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लघु समाचार पत्रों की चुनौतियां‘ विषय पर आयोजित परिचर्चा के मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने सादा जीवन, उच्च विचार और गांधीवादी तरीके से जीवन यापन करने वाले वरिष्ठ और जुझारू पत्रकार स्वर्गीय वशिष्ठ कुमार शर्मा और उनसे जुड़े किस्सों को याद करते हुए कहा कि शर्मा पत्रकारिता से जुड़े अनेक संगठनों में विभिन्न पदों पर रहे और उन्होंने हमेशा व्यक्तिगत जीवन और काम के बीच संतुलन बनाए रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पत्रकारों को तैयार करने, पत्रकारों को विषय विशेषज्ञ के रूप में तैयार करने और खोजपूर्ण पत्रकारिता को शुरू करने के लिए भी शर्मा को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने नई पीढ़ी के पत्रकारों से आह्वान करते हुए कहा कि वर्तमान में हावी होते सोशल मीडिया पर जारी होने वाली सही व गलत सूचनाओं को चैक कर अच्छे साहित्य का सृजन किया जाना चाहिए ताकि सही एवं सटीक सूचनाएं आमजन तक पहुंचे।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने स्व. वशिष्ठ कुमार शर्मा की स्मृति में प्रति वर्ष श्रेष्ठ संपादक पुरस्कार आरंभ करने की घोषणा भी की। पुरस्कार के लिए जूरी का गठन किया जाएगा और श्रेष्ठ संपादक को 30 हजार रुपये की राशि दी जाएगी।

परिचर्चा में बीस सूत्रीय कार्यक्रम की राज्य स्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में आपसी भाईचारा, शांति और समरसता में कमी आई है और आपसी तनाव बढ़े हैं। ऐसे में स्व वशिष्ठ शर्मा जैसी पत्रकारिता और पत्रकार सामाजिक समरसता को बढ़ाने और निष्पक्ष व निडर होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर करने वाली ताकतों को कमजोर करना और लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शर्मा को याद करने और उनके कार्यों से प्रेरणा लेने के लिए उनकी याद में वर्ष में एक कार्यक्रम अवश्य किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता गोपाल शर्मा ने कहा कि धोती, कुर्ता और जूतियों के साधारण पहनावे और विराट व्यक्तित्व के स्वामी शर्मा ने अपने जीवन काल में लघु व मध्यम पत्रकारों की समस्याओं को बखूबी पहचाना और भारत सरकार तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्तित्व के कारण ही पत्रकारिता का जब भी इतिहास लिखा जाएगा राजस्थान का नाम सबसे ऊपर आएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पत्रकारों के हित में सबसे ज्यादा सोचने वाले और सर्वहितैषी मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि आपसी एकजुटता और एक मंच पर लाकर लघु समाचार पत्रों की समस्याओं का समाधान संभव है।

राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो मजदूर हो या उद्यमी हो सब में एक नैसर्गिक पत्रकार छुपा होता है। उन्होंने कहा कि धरती और आकाश के मध्य आशाओं का साम्राज्य कायम है, जिससे सारी समस्याओं का अंत होता है। उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार को पत्रकारों के हित में लाभकारी योजनाएं शुरू करने पर धन्यवाद भी दिया।

परिचर्चा को वरिष्ठ पत्रकार विरेंद्र सिंह राठौड़, जगदीश शर्मा, विनोद भारद्वाज, एल.एल शर्मा, पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष मुकेश मीणा ने भी संबोधित किया।

परिचर्चा का प्रारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार अनिल सक्सेना ने स्वागत उद्बोधन दिया और फोरम के कार्यों का परिचय दिया।

इस अवसर पर पद्मश्री गुलाबो सपेरा, मुख्यमंत्री विशेषाधिकारी फारूख आफरीदी, जगदीश शर्मा, राधेश्याम दुसाद, राजेन्द्र गुंजल, यश गोयल, आनंद जोशी,राधारमण शर्मा, ब्रजभूषण शर्मा सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, प्रबुद्ध जनों ने परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्योति जोशी ने किया।

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