मतदाता पहचान पत्र से आधार नंबर जोड़ने में राजस्थान पूरे देश में द्वितीय स्थान पर

जयपुर। मुख्य निर्वाचन अधिकारी  प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मतदाता पहचान पत्र से आधार संख्या जोड़ने के लिए विशेष अभियान सीईओ से बीएलओ तक चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस अभियान के प्रति सकारात्मक माहौल है और एक अगस्त से प्रारंभ हुए इस अभियान में अब तक 12 लाख से अधिक मतदाता पहचान पत्रों को आधार संख्या से जोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में राजस्थान आधार संख्या जोड़ने में द्वितीय स्थान पर है।
 गुप्ता ने बताया कि निर्वाचन विभाग द्वारा अभिनव पहल करते हुए इस अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, इआरओ, बूथ लेवल अधिकारियों(बीएलओ) द्वारा सरकारी, गैर सरकारी, निजी कार्यालयों, संस्थानों, महाविद्यालयों, विद्यालयों में  वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से स्वयं ही आधार नंबर से मतदाता पहचान पत्र जोड़ने की हैंड्स ऑन जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अभियान को सफल बनाने में बीएलओ और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर गत दिनों में विभाग की स्वीप शाखा ने जयपुर स्थित राजकीय महाविद्यालयों, एनएसएस के छात्रों, आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, पेंशन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, सीमेट गोनेर में शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से जोड़ने की कार्यवाही से परिचित कराया। इस दौरान विभिन्न विभागों के कार्मिकों व स्कूल कॉलेजों के छात्रों ने स्वयं ही मोबाइल से मतदाता पंजीकरण, आधार संयोजन, मतदाता पहचान पत्र में सुधार जैसे सभी कार्यों को वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से किया।
  गुप्ता ने बताया कि विभाग की इस नवीन पहल को व्यापक सराहना मिल रही है। उन्होंने कहा कि सभी मतदाता इस सार्थक मुहिम से अधिकाधिक जुड़ें और अपने परिवारजनों और मित्रों को भी जोड़ें।
उल्लेखनीय है कि एक अगस्त से भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शुरू हुए इस अभियान के तहत अपनी पहचान स्थापित करने के लिए अब प्रत्येक मतदाता अपने मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार नंबर जोड़ सकते हैं। इसके लिए एक नवीन फॉर्म 6 बी भरा जा सकता है। आधार नंबर जोड़ने का कार्य नेशनल वोटर सर्विस पोर्टल (एनवीएसपी), वोटर हेल्पलाइन एप, गरुड़ एप या क्षेत्र के बीएलओ के माध्यम से भी किया जा सकता है।

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