सामाजिक सरोकार को केन्द्र में रख कर हो पत्रकारिता : मुख्यमंत्री

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में पक्ष का महत्व तभी है जब विपक्ष का अस्तित्व हो। गहलोत सोमवार को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में लघु एवं मध्यम समाचार पत्र एसोसिएशन द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय पत्रकार सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पत्रकार, साहित्यकार और लेखकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पत्रकार कल्याण कोष और संवाद की स्थापना से अखबार और पत्रकारों के हित सुरक्षित हुए हैं। गहलोत ने कहा कि शासन को पत्रकारों के सुझावों को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों का महत्व है। बिना विपक्ष के पक्ष का कोई औचित्य नहीं है।

गहलोत ने कहा कि वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार पत्रकारों को प्रति माह 15 हजार रूपए पेंशन दे रही है। साथ ही, कोरोना महामारी से दिवंगत हुए 9 पत्रकारों को राज्य सरकार ने 50-50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अलवर, उदयपुर सहित कई स्थानों पर पत्रकारों को भूखण्ड आवंटित किए हैं। अन्य स्थानों पर पत्रकारों की भूखण्ड आवंटन की मांग पर राज्य सरकार पूरी गंभीरता के साथ विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की अन्य मांगों और सुझावों पर भी समुचित कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं लागू कर रही है। 25 लाख रूपए तक निशुल्क इलाज, स्वास्थ्य का अधिकार कानून, राजकीय कर्मचारियों को ओपीएस और आरजीएचएस योजना का लाभ और पत्रकारों के बीमे की राशि का राज्य सरकार द्वारा वहन करना जैसे कई महत्वपूर्ण निर्णय मानवीय दृष्टिकोण से लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान की आर्थिक विकास दर आज देश में दूसरे स्थान पर है। बेहतर वित्तीय प्रबंधन से राजस्थान 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बन जाएगा।

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