जवाहर कला केन्द्र: समर प्रोग्राम में 17 विधाओं का प्रशिक्षण लेंगे जूनियर्स

जयपुर। भावी पीढ़ी में रचनात्मकता के प्रति रुचि को बढ़ाने के लिए जवाहर कला केन्द्र की ओर से हर वर्ष जूनियर समर प्रोग्राम (कैम्प) का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष 15 मई से 18 जून तक कैम्प लगाया जा रहा है। इसमें अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों को विशेषज्ञ 17 विधाओं का प्रशिक्षण देंगे। इसमें नाट्य कला, कठपुतली मेकिंग एवं संचालन, सुगम संगीत, गिटार, तबला, सिंथेसाइजर, राजस्थानी लोक नृत्य, भरतनाट्यम, कथक और मणिपुरी नृत्य व फड़ चित्रण, फोटोग्राफी, प्रिंट मेकिंग, क्रिएटिविटी स्टेशन, कैलीग्राफी, कैरीकेचर, विजुअल स्टोरी टेलिंग शामिल है। संगीत-नृत्य से जुड़ी विधाओं के लिए फॉर्म 14 मई तक जमा करा सकते हैं। कठपुतली मेकिंग एवं संचालन के लिए भी आवेदन जारी रहेंगे। सुबह 10 से सायं 4 बजे तक केन्द्र के स्वागत कक्ष से आवेदन पत्र प्राप्त किए जा सकते हैं। जूनियर समर प्रोग्राम को लेकर भी केन्द्र की ओर से विशेष कदम उठाए गए हैं।

बच्चों का बढ़ा रुझान, केंद्र ने उठाए विशेष कदम

कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव और जवाहर कला केन्द्र की महानिदेशक श्रीमती गायत्री राठौड़ ने शुक्रवार को केन्द्र में आयोजित प्रेस वार्ता में जूनियर समर प्रोग्राम के पोस्टर का विमोचन किया। इस दौरान केन्द्र की अति. महानिदेशक प्रियंका जोधावत व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। श्रीमती गायत्री ने बताया कि जूनियर समर प्रोग्राम के प्रति बच्चों का रुझान बढ़ता जा रहा है। गत वर्ष जहां लगभग 500 बच्चों ने कैम्प में हिस्सा लिया था वहीं इस बार अब तक विभिन्न विधाओं में करीब 700 आवेदन आ चुके हैं। सभी विधाओं के लिए कुल 61 प्रशिक्षक व सह प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। म्यूजिक व डांस से जुड़ी एक्टिविटि में 140 बच्चों ने आवेदन किया है। वहीं दृश्य कला और साहित्यिक गतिविधियों में 50 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। कैम्प में पहली बार कठपुतली मेकिंग एवं संचालन एवं क्रिएटिविटी स्टेशन की कक्षाएं लगायी जा रही है। राजस्थान यूनिवर्सिटी के सहयोग से प्रिंट मेकिंग कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस बार संगीत विधाओं में मणिपुरी नृत्य और भरतनाट्यम को भी जोड़ा गया है। केन्द्र की ओर से हर विधा के विशेषज्ञों को भी बतौर अतिथि बुलाए जाने की योजना है।

नाट्य कला की सायंकालीन कक्षाएं

नाट्य कला में बच्चों की बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए केन्द्र की ओर से सायंकालीन कक्षाएं शुरू करने का फैसला किया गया है। क्षमतानुसार 300 बच्चों को मॉर्निंग बैच में जगह दी गयी है। वहीं 200 बच्चे जिनके नाम प्रतीक्षा सूची में हैं उन्हें सायंकालीन कक्षाओं में शामिल किया जाएगा।

यह रहेगा टाइम टेबल

थिएटर प्रशिक्षण कक्षाएं 30 दिन तक प्रात: 8 से 12 बजे एवं सायं 4 से 7 बजे तक लगायी जाएगी। सुगम संगीत, गिटार, तबला, सिंथेसाइजर, राजस्थानी लोक नृत्य, भरतनाट्यम, कथक एवं मणिपुरी नृत्य के लिए 30 दिनों तक प्रात: 8 से 11 बजे तक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा। 28 मई से 8 जून के लिए प्रात: 11 से सायं 5 बजे तक कठपुतली मेकिंग एवं संचालन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रात: 9 से 12 बजे 15 मई से 6 जून तक फड़ चित्रण, 15 मई से 22 मई तक फोटोग्राफी के गुर सीख सकेंगे और 15 से 21 मई तक क्रिएटिविटी स्टेशन की कक्षा रहेगी। 15 मई से 6 जून तक 12 से 16 वर्ष के बच्चे दोपहर 12 से 3 बजे प्रिंट मेकिंग की बारीकियां जान सकेंगे। वहीं कैलीग्राफी, कैरीकेचर, विजुअल स्टोरी टेलिंग का प्रशिक्षण 15 मई से 6 जून तक दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *