मुख्यमंत्री की ऐतिहासिक पहलअब शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगी रोजगार की गारंटी
जयपुर। राज्य सरकार प्रदेशवासियों को रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ध्येय है कि प्रदेश में हर व्यक्ति की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो। हर हाथ को रोजगार मिले। कोई जरूरतमंद, असहाय या गरीब वर्ग का व्यक्ति अपनी आजीविका से वंचित नहीं रहे। कोविड के दौरान अपनी आजीविका गंवाने वाले व्यक्तियों को भी गुजर-बसर के लिए रोजगार उपलब्ध हो। इसी दिशा में मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए बजट में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा की थी। शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की देश की यह सबसे बड़ी रोजगार योजना है, जो प्रदेश में 9 सितम्बर, 2022 से शुरू होने जा रही है।
उल्लेखनीय है कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना (मनरेगा) शुरू की गई थी। इस योजना के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले और देशभर में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे, इससे उनके जीवन स्तर में भी काफी सुधार आया। कोरोना के दौरान जब रोजगार का संकट बढ़ा तो यह योजना वरदान साबित हुई। मुख्यमंत्री ने इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने के लिए कदम उठाया और ऐतिहासिक निर्णय करते हुए बजट में इस योजना की घोषणा की।
योजना के लिए 800 करोड़ का बजट
योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है। राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं। उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा।
जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सदस्य पात्र
योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा। योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध करवा जाएगा। इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं। योजना में पंजीयन जनआधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है। जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जनआधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे।
योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है। आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोज़गार उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा। योजना के लिए राज्य सरकार ने एक वेब पोर्टल www.irgyurban.rajasthan.gov.in भी शुरू किया है। इस पर योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। आमजन इस पोर्टल से आवश्यक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती के लिए सभी जिलों में विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। साथ ही इस योजना के लिये सभी निकायों के संबंधित कार्मिकांे एवं ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण करवाया जा चुका है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके लिए राज्य, संभाग, जिला एवं निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है। योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी।
योजना में इन कार्यों का है प्रावधान
योजना में श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है। विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों हेतु पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा। योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हैरिटेज सरंक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे।
अब तक 2 लाख से अधिक जॉब कार्ड जारी, 9500 कार्य चिन्हित
योजना में अब तक 2 लाख से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है। समस्त निकायों में 9 हजार 500 से अधिक कार्य चिन्हित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है। चिन्हित कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है। लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है।