सहायक जनसंपर्क अधिकारियों की पाँच दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला
जयपुर । हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय में नवनियुक्त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों की 17 अक्टूबर से चल रही पाँच दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यशाला का चौथा दिन प्रैक्टिकल जनसंपर्क पर केंद्रित रहा।
संचार कौशल, व्यक्तित्व विकास, मीडियाकर्मियों से संबध और संवाद, प्रेस वार्ता का सकुशल आयोजन आज की कार्यशाला में नवनियुक्तों का मार्गदर्शन करने आये प्रशिक्षकों के मुख्य बिंदु रहे।
पहले सत्र की शुरुआत रोचक ढंग हुई। डॉ. दीपिका कौरानी, प्रबंधन विशेषज्ञ ने एक सरल वर्णमाला प्रतिस्पर्धा के माध्यम से स्वप्रबंधन व टीम प्रबंधन जैसे पेचीदा विषयों को बड़ी ही आसानी से नवांकुरों को समझाया। डॉ. दीपिका ने स्वप्रबंधन को टीम प्रबंधन की कुंजी बताई।
हरिदेव जोशी विश्वविद्यालय एडजंक्ट प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा ने कहा कि जनसंपर्क का मूल जनता है। और जनता ही मीडिया का असली बीट रिपोर्टर है। त्रिभुवन ने नवनियुक्त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों को यह भी समझाया कि एक कामयाब जनसंपर्क अधिकारी बनने के लिए पत्रकारों की जरूरतों की समझ रखना नितांत ही आवश्यक है।
दुसरे सत्र में सूचना और जनसंपर्क विभाग में समाचार एवं इलेक्ट्रनिक मीडिया के अतिरिक्त निदेशक अरुण जोशी ने प्रेस वार्ता आयोजन की बारीकियों को बड़े ही व्यवहारिक तरीके से नवनियुक्तों के समक्ष रखा। जोशी ने प्रेसकर्मियों से रेपो बनाए रखने के गुर भी ए.पी.आर.ओ. बैच को सिखाये।
तीसरा सत्र रहा प्रशासनिक सेवायों को निभाने में जरूरी नैतिक मूल्यों का, जिस पर प्रकाश डाला सेवानिवृत IAS व पूर्व डी.आई.पी.आर कमीशनर एस एस बिस्सा ने। श्री बिस्सा ने डी.आई.पी.आर सेवा में नैतिकमूल्यों का ध्यान रखते हुए कम्पिटेंट प्रशासन संभालने के तौर तरीके बताये।
चौथे सत्र को जीवंत करते हुए डॉ. राजेश व्यास, संयुक्त निदेशक, राजभवन ने भाषाई संवेदना की संजीदगी को अपने सेवाकाल के जीवंत उदाहरणों व ष्टांतों से समझाया।
अंत में चौथे दिन के आखिरी सत्र का क्रिएटिव एक्टिविटी के माध्यम से डॉ. रिचा यादव, हेड मीडिया संगठन एवं जनसंपर्क, हरिदेव जोशी वि.वि. ने समापन करते हुए रचनात्मक संचार कौशल पर मार्गदर्शित किया ।
ए.पी.आर.ओ. बैच की तरफ से सुश्री नवधा, सुश्री रूपांक्षा, कुणाल वशिष्ठ, नरेन्द्र शेखावत, सुश्री मीनल, सोनू शर्मा आदि ने आये हुए प्रशिक्षकों एवं व्यवस्थापकों को धन्यवाद दिया। कल कार्यशाला आखिरी दिन है ।